विश्व क्षय रोग दिवस विश्व भर में 24 मार्च 2016 को मनाया गया. वर्ष 2016 का विषय है. ‘यूनाइट टू एंड टीबी’.
इस दिवस को वैश्विक महामारी क्षय रोग (टीबी) को खत्म करने और इसके बारे में जनता में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है.
विश्व टीबी दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा चिह्नित आठ सरकारी वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है. अन्य सात में विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व रक्त दाता दिवस, विश्व टीकाकरण सप्ताह, विश्व मलेरिया दिवस, विश्व तम्बाकू निषेध दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस और विश्व एड्स दिवस शामिल है.
टीबी के बारे में
- विश्व क्षय रोग दिवस वर्ष 1882 में टीबी बेसिलस की खोज करने वाले डॉ रॉबर्ट कोच के जन्म दिवस पर 24 मार्च को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
- क्षय रोग (टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर क्लोसिस की वजह से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है.
- यह बीमारी सांस और लोगों के फेफड़ों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है.
- वर्ष 2013 में 9 लाख लोग टीबी से बीमार हुए और 15 लाख लोगों की मृत्यु हो गई. भारत में हर दो मनट में एक व्यक्ति इस बीमारी के कारण दम तोड़ देता है.
- उचित और नियमित दवा की खुराक लेने से टीबी पूरी तरह से ठीक हो सकता है.
- विश्व में प्रतिवर्ष क्षय रोग से दस लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है.
- ट्यूबर क्लोसिस या टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है. वर्ष 1882 में पहली बार डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने इस संक्रामक रोग के कारणों का पता लगाया था.
टीबी के लक्षण
• तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी
• बुखार (जो खासतौर पर शाम को बढ़ता है)।
• छाती में तेज दर्द
• वजन का अचानक घटना
• भूख में कमी आना
• बलगम के साथ खून का आना
• बहुत ज्यादा फेफड़ों का इंफेक्शन होना
• सांस लेने में तकलीफ
टीबी के इलाज के बारे में
टीबी से पूरी तरह निजात पाने के लिए छह से आठ महीने का लघु कोर्स डॉट्स होता है. छह लाख डॉट प्रदाताओं के द्वारा डॉट्स की दवाएं देशभर में टीबी के मरीजों के लिए मुफ्त दी जाती है. किसी रोगी को दो हफ्तों से अधिक खांसी है, तो उसे अपने बलगम की जांच करवानी चाहिए.
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