चीन के भाषाविद् झोउ युयांग (Zhou Youguang) जिन्हें पिनयिन – रोमन में चीनी भाषा लिखने की प्रणाली, का जनक भी कहा जाता है, का, 14 जनवरी 2017 को चीन के बीजिंग में निधन हो गया. वे 111 वर्ष के थे.
पिनयिन लेखन का वह तरीका है जो चीनी भाषा के अक्षरों को रोमन वर्णमाला के अक्षरों का इस्तेमाल कर शब्दों में बदलता है. इसने भाषा को सिखाए जाने के तरीके को ही बदल दिया था.
वर्ष 1958 में, चीन की सरकार द्वारा इसे आधिकारिक तौर पर अपना लिया गया था. वर्ष 1982 में, मतदान के बाद पिनयिन अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) 7098 बन गया. संयुक्त राष्ट्र ने इसे 1986 में अपना लिया.
झोउ युयांग (Zhou Youguang) के बारे में:
• झोउ युयांग (Zhou Youguang) चीनी अर्थशास्त्री, भाषाविद्, चीनी भाषा के पंडित, प्रकाशक, बैंकर और सुपरसेंटनेरीअन (वैसा व्यक्ति जो 110 वर्षों तक जीवित रहा हो या 110वां जन्मदिन मना चुका हो) थे.
• 1918 में वे झांगझू हाई स्कूल में दाखिल हुए, और उसी समय उन्होंने भाषा विज्ञान में पहली बार रूचि ली. वर्ष 1923 में, उन्होंने स्नातक के साथ अपना ग्रैजुएशन पूरा किया.
• वे शंघाई के सेंट. जॉन्स यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डिग्री पूरी की.
• वर्ष 1955 में, चीन की सरकार ने साक्षरता बढ़ाने के लिए चीनी भाषा में सुधार हेतु बनाई गई समिति का अध्यक्ष झोउ को बनाया. पिनयिन के विकसित होने से पहले, चीन के 85 फीसदी लोग पढ़ नहीं सकते थे.
• उनकी समिति को चीनी अक्षरों के उच्चारण हेतु रोमयीकरण विकसित करने का काम दिया गया था.
• पिनयिन ने आधिकारिक रोमयीकरण 1958 में तैयार किया था, हालांकि तब यह सिर्फ एक उच्चारण गाइड था न कि वैकल्पिक लेखन प्रणाली.
• पिनयिन अधिकांश चीनी भाषा के लिए कम्प्युटर इनपुट का प्रमुख वाहन है.
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