जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का निधन, जाने उनकी राजनीतिक सफ़र

Sep 6, 2019, 13:14 IST

रॉबर्ट मुगाबे स्वतंत्रता युद्ध के बाद अफ्रिकियों के नायक के तौर पर उभर कर सामने आये थे. वे पहली बार साल 1960 में चर्चा में आए जब रोडेशिया में गोरे लोगों के विरुद्ध छापामार युद्ध छेड़ रखा था.

Zimbabwe ex-President Robert Mugabe dies
Zimbabwe ex-President Robert Mugabe dies

जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का 06 सितम्बर 2019 को सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया. वे 95 साल के थे. वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे.

जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति इमरसन मंगांगवा ने रॉबर्ट मुगाबे के निधन की जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट के द्वारा दी. उन्होंने कहा कि देश तथा महाद्वीप में रॉबर्ट मुगाबे द्वारा किये गये योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.

उन्हें आजादी के नायक के रूप में भी जाना जाता है लेकिन वे बहुत से विवादों में भी घिरे रहे. वे देश की आजादी के लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिये थे. उन्‍होंने देश में ही नहीं पूरे अफ्रीका महाद्वीप में भी संघर्ष किया. उनको देश में बड़ा जनसमर्थन हासिल था.

नायक के तौर पर उभर कर सामने आये

रॉबर्ट मुगाबे स्वतंत्रता युद्ध के बाद अफ्रिकियों के नायक के तौर पर उभर कर सामने आये थे. वे पहली बार साल 1960 में चर्चा में आए जब रोडेशिया में गोरे लोगों के विरुद्ध छापामार युद्ध छेड़ रखा था.

खुद को राष्ट्रपति घोषित किया

रॉबर्ट मुगाबे साल 1980 से ज़िम्बाब्वे की स्वतंत्रता के बाद से ही सत्ता में थे. वे साल 1980 में प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने इसके बाद साल 1987 में प्रधानमंत्री का पद समाप्त करके स्वयं को राष्ट्रपति घोषित किया था. उन्हें नवंबर 2017 में सैन्य तख़्तापलट के बाद सत्ता को छोड़ना पड़ा था. इसके साथ ही उनका तीन दशक (37 साल) का शासनकाल भी समाप्त हो गया था.

2017 में सैन्य तख़्तापलट

जिम्बाब्वे की संसद ने साल 2017 में ही उन पर महाभियोग की कार्रवाई शुरू की. उन्होंने महाभियोग प्रक्रिया शुरू होने के तुरंत बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने 21 नवम्बर 2017 में हुए तख्ता पलट के बाद राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था.

रॉबर्ट मुगाबे के बारे में

• रॉबर्ट मुगाबे का जन्म 21 फरवरी 1924 को हुआ था.

• वे साल 1980 से साल 1987 तक प्रधानमंत्री और साल 1987 से साल 2017 तक राष्ट्रपति रहे थे.

• वे एक ऐसे अफ्रीकी नेता थे जिन्होंने अपने लोगों की स्वतंत्रता और सशक्तिकरण में अपना जीवन बीता दिया था.

• उनके शासनकाल में शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई थी. इस समय देश की 89 प्रतिशत आबादी साक्षर है जो कि किसी भी अफ़्रीकी देश से अधिक है.

• वे ज़िम्बाब्वे के माली हालत के लिए हमेशा ही पश्चिमी ताक़तों को ज़िम्मेदार ठहराते थे.

• वे हमेशा ये कहते थे कि वो देश के गरीबों के हक़ के लिए लड़ रहे हैं.

• उन्होंने अपने शासन के शुरुआत में बहुसंख्यक अश्वेत लोगों के स्वास्थ्य तथा शिक्षा हेतु उल्लेखनीय कार्य किये थे.

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