अंजू बॉबी जॉर्ज को वर्ष 2005 में मोंटे कार्लो में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लंबी कूद का स्वर्ण पदक विजेता घोषित किया गया. यह निर्णय एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल एसोसिएशन (आइएएएफ) द्वारा 13 जनवरी 2014 को दिया गया.
रूस की तातयाना कोतोवा ने भारत की अंजू बॉबी जॉर्ज को पराजित कर विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2005 की स्वर्ण पदकजीता था. परन्तु डोपिंग परीक्षण में पाजिटिव पाये जाने के कारण तातयाना कोतोवा से स्वर्ण पदक लेकर अंजू बॉबी जॉर्ज को देने का निर्णय लिया गया. वर्ष 2005 में विश्व एथलेटिक्स फाइनल में अंजू बॉबी जॉर्ज ने 6.75 मीटर की लंबी कूद के साथ रजत पदक जीता था. ततयाना कोतावा ने 6.83 मीटर की कूद के साथ के स्वर्ण पदक और अमेरिका के ही ग्रेस उपसां ने कांस्य पदक जीता था.
आइएएएफ के फैसले से कोटोवा के अयोग्य घोषित होने के बाद के बाद नई रैंकिंग इस प्रकार है.
• अंजू बॉबी जॉर्ज ( भारत , 6.75m)
• अनुग्रह उपसा (अमरीका, 6.67m)
• ईयूनिस नाई (फ्रांस , 6.51m)
इसी तरह, अंजू ने 2005 के हेलसिंकी विश्व चैंपियनशिप के लंबी कूद के परिणामों में एक स्थान उपर चौथे स्थान पर ऱखा जायेगा. यह परिणाम रजत पदक विजेता तात्याना कोटोवा के 2013 में आइएएएफ के डोपिंग परीक्षण में पाजिटिव पाये जाने के बाद लिया.
अंजू बॉबी जॉर्ज से संबंधित मुख्य तथ्य
• केरल की अंजू बॉबी जॉर्ज वर्ष 2003 में पेरिस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी थी.
• उन्हें वर्ष 2003 में अर्जुन पुरस्कार और वर्ष 2004 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया.
• उन्हें वर्ष 2004 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
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