अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 11 अप्रैल 2014 को ‘टुवार्ड्स न्यू होराइजंस– अरब इकोनॉमिक ट्रांस्फॉर्मेशन एमिड पॉलिटिकल ट्रांजिशंस’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा है कि आर्थिक स्थिरता हासिल करने और नई नौकरियां पैदा करने के लिए अरब देशों को ठोस आर्थिक नीतियां बनानी होंगी.
आईएमएफ द्वारा जारी रिपोर्ट में मिस्र, जॉर्डन, लीबिया, मोरक्को, ट्युनेशिया औऱ यमन में संक्रमण की अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था की जांच की गई थी.
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अरब देशों को निकट भविष्य में बहुतेरे चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा औऱ आने वाले वर्षों में उन्हें आर्थिक स्थिरता हासिल करने को प्राथमिकता देनी होगी.
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अरब देशों में अभी भी आर्थिक विकास की गति बहुत धीमी है और यहां लोगों की आकांक्षाओं के अनुपात में नौकरियां भी कम मिलती हैं. इसमें यह भी कहा गया है कि अगर जल्द ही मजबूत आर्थिक और वित्तीय सुधार की दिशा में कदम नहीं उठाए गए तो इन देशों को बेरोजगारी, खासकर महिलाओं और युवाओँ में, को कम करने में बहुत मुश्किल होगी.
रिपोर्ट ने अरब देशों को संक्रमण के दौरान तीन मध्यम अवधि की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने की सिफारिश की थी–
• निकट भविष्य में अधिक नौकरियों का सृजन करना
• आर्थिक स्थिति की सुरक्षा के लिए संभावित खतरों को कम करें.
• आने वाले वर्षों में उच्च और अधिक विकास दर के लिए सुधार कार्यों में तेजी लाएं.
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि निजी क्षेत्र की गतिविधि. और अधिक गतिशील, प्रतिस्पर्धी, प्रेरक, नए और समावेशी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मजबूत आर्थिक सुधार एजेंडा बनाना आवश्यक हो जाएगा. इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदायों के सहयोग को भी बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है.
आईएमएफ के प्रबंध निदेशक– क्रिस्टीन लगार्डे
रिपोर्ट के संपादक– हैराल्ड फिंगर और डैनिल ग्रेस्सानी
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