खुदरा महंगाई दर में गिरावट आने के बाद थोक बिक्री महंगाई दर में भी कमी दर्ज की गई. अक्टूबर 2014 में मुद्रास्फीति की दर 2.38 प्रतिशत से घटकर 1.77 प्रतिशत रही, जोकि गत पांच वर्ष के निचले स्तर पर है. इसमें सबसे ज्यादा गिरावट खाने-पीने की चीजों में हुई. खाद्य वस्तुओँ की महंगाई दर मासिक आधार पर 3.25 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह आंकड़े 13 नवंबर 2014 को जारी किए गए.
अगस्त की थोक महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) संशोधित होकर 3.74 प्रतिशत से बढ़कर 3.85 प्रतिशत हो गई. महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर 2014 में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 3.52 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत पर आ गई. महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर 2014 में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 2.18 प्रतिशत से घटकर 1.43 प्रतिशत पर आ गई.
महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर 2014 में नॉन-फूड आर्टिकल्स की महंगाई दर 0.52 प्रतिशत से घटकर -1.41 प्रतिशत पर आ गई. महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर 2014 में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 2.84 प्रतिशत से घटकर 2.43 प्रतिशत पर आ गई है.
थोक मूल्य सूचकांक
थोक मूल्य सूचकांक कुछ चुनी गयी वस्तुओं के थोक मूल्यों के सामूहिक औसत मूल्य पर आधारित एक सूचकांक है. भारत और फिलीपिन्स जैसे देशों में मुद्रास्फीति के मापन के लिए मुख्यतया थोक मूल्य सूचकांक प्रयोग किया जाता है. थोक मूल्य सूचकांक को कैसे निकला जाता है. नीचे दिए गए उदाहरण से यह स्पष्ट है-
मान लीजिए हमें वर्ष 2004 के लिए गेहूं का थोक मूल्य सूचकांक निकालना है. अगर 1994 में गेहूं की क़ीमत 8 रूपए प्रति किलो थी और वर्ष 2004 में यह 10 रूपए प्रति किलो है तो क़ीमत में अंतर हुआ 2 रूपए का.
अब यही अंतर अगर प्रतिशत में निकालें तो 25 प्रतिशत बैठता है. आधार वर्ष (1994) के लिए सूचकांक 100 माना जाता है, इसलिए वर्ष 2004 में गेहूं का थोक मूल्य सूचकांक होगा 100+25 अर्थात 125.
मुद्रा स्फीति
मंहगाई दर या मुद्रा स्फीति थोक या ख़ुदरा मूल्य सूचकांक में निश्चित अंतराल पर होने वाले बदलाव को जब हम प्रतिशत के रूप में निकालते हैं, तो उसे ही मंहगाई दर या मुद्रास्फीति कहते हैं.
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