न्यूयार्क स्थित एक अमेरिकी न्यायालय ने वर्ष 1984 सिख दंगा मामले में, सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा दायर मुकदमा 28 अप्रैल 2014 को खारिज कर दिया.
अमेरिकी सिख समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने यह मुकदमा वर्ष 1984 में भारत में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में दायर की थी.
अमेरिकी न्यायालय ने मुकदमा खारिज करते हुए कहा कि एसएफजे के पास ऐसा मुकदमा दायर करने को लेकर कोई कानूनी आधार नहीं है और जो मामले अमेरिका से जुड़े या उसकी चिंता का विषय नहीं हैं, उनकी सुनवाई अमेरिकी अदालत में नहीं होगी.
इस मामले से जुड़े अमेरिकी न्यायाधीश रोबर्ट स्वीट ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा दायर मुकदमा खारिज करने की कांग्रेस पार्टी की अपील स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि मानवाधिकार समूह एक वादी नहीं हो सकता और व्यक्तिगत वादी कानूनी प्रतिनिधि नहीं हैं.
विदित हो कि 31 अक्तूबर सन 1984 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की नेता एवं तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को उनके दो सिख सुरक्षा कर्मियों द्वारा गोली मार दी गई थी, जिससे उनकी मौत हो गई. जिसके विरोध में पूरे देश में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे. इन दंगों में 8000 से अधिक सिख मारे गए थे.
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