प्रख्यात अर्थशास्त्री तथा प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन प्रोफ़ेसर सुरेश डी तेंदुलकर (Economist Suresh D Tendulkar) का 21 जून 2011 को महाराष्ट्र के पुणे में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. सुरेश डी तेंदुलकर 72 साल के थे.
प्रोफ़ेसर सुरेश डी तेंदुलकर (Economist Suresh D Tendulkar) अपने निधन के समय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल में सदस्य थे. वह वर्ष 2004 से 2008 के बीच प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य तथा वर्ष 2008 से 2009 के बीच इसके चेयरमैन भी रहे थे.
प्रोफ़ेसर सुरेश डी तेंदुलकर (Economist Suresh D Tendulkar) योजना आयोग द्वारा गरीबों की संख्या के अनुमान के लिए गठित विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष भी रहे थे. समिति ने नवंबर 2009 में अपनी रिपोर्ट दी थी. इसके अलावा वह केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन के विभिन्न विशेषज्ञ समूहों के सदस्य के साथ-साथ राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके थे. ज्ञातव्य हो कि प्रोफ़ेसर तेंदुलकर दिल्ली के विश्व प्रसिद्ध दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर भी थे.
वर्ष 2009 में प्रोफ़ेसर सुरेश डी तेंदुलकर की अध्यक्षता में गठित समिति ने गरीबी को परिभाषित करने का एक नया फॉर्मूला तैयार किया था. इस फॉर्मूले में पहले से प्रचलित प्रति व्यक्ति कैलोरी की मात्रा में अन्य बिंदुओं का भी समावेश किया गया था, मसलन खान-पान पर खर्च, शिक्षा, स्वास्थ्य, वस्त्र आदि पर खर्च को भी शामिल किया गया था. प्रोफ़ेसर सुरेश डी तेंदुलकर (Economist Suresh D Tendulkar) की यह परिभाषा गरीबी के व्यापक संदर्भ को समेटती है.
प्रोफ़ेसर सुरेश डी तेंदुलकर ने गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वालों की संख्या का पता लगाने हेतु भी एक फॉर्मूले का ईजाद किया था. प्रोफ़ेसर सुरेश डी तेंदुलकर (Economist Suresh D Tendulkar) भारत के प्रथम विनिवेश आयोग (1996-99) और पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग (1994-97) के भी सदस्य थे. प्रोफ़ेसर तेंदुलकर ने रीइंटीग्रेटिंग इंडिया विद द वर्ल्ड इकॉनोमी (Reintegrating India with the World Economy) और अंडरस्टैंडिंग रिफॉर्म्स (Understanding Reforms) सहित कई पुस्तकें भी लिखी हैं.
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