असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगई ने 19 सितंबर 2014 को एंजेल फंड की शुरुआत की. इसकी शुरुआत पहली पीढ़ी के उद्यमियों और कुशल युवाओं को सूक्ष्म और लघु उद्यमों की स्थापना में मदद के लिए की गई.
इस फंड की शुरुआत जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र (डीआईसीसी) के महाप्रबंधकों के सम्मेलन में की गई.
एंजेल फंड के प्रावधान
• फंड योजना के तहत, पहली पीढ़ी के उद्यमी अधिकतम पांच लाख रुपयों का ऋण सालाना 5 फीसदी की ब्याज दर से ले सकते हैं.
• ऋण में अधिकतम दस माह की ऋण स्थगन अवधि (मॉरोटोरियम पीरियड) होगी, इस दौरान ब्याज दर शुल्क नहीं लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस योजना के तहत आने वाले समय में, अधिकतम ऋण की मौजूदा सीमा पांच लाख रुपयों को, युवा उद्यमियों को उनके व्यापार को बढ़ाने के लिए बढ़ाया जाएगा.
इससे पहले, एंजेल फंड योजना के परिचालन के उद्देश्य से राज्य सरकार और असम ग्रामीण विकास बैंक ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया था. इस समझौता ज्ञापन पर राज्य सरकार की तरफ से उद्योग एवं वाणिज्य के आयुक्त एवं सचिव राजेश प्रसाद ने और असम ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष शिव शंकर सिंह ने मुख्यमंत्री तरूण गोगई और उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री प्रद्युत बारदोली की मौजूदगी में हस्ताक्षर किया.
पृष्ठभूमि
नए शुरु किए गए एंजेल फंड की घोषणा असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगई ने वर्ष 2013 के अपने बजट भाषण में की थी. इससे पहले, राज्य सरकार ने एंजेल फंड के लिए 12 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की.
एंजेल निवेशकों के बारे में
एंजेल निवेशक कोई व्यक्ति, समूह या वित्त समूह हो सकता है जो उद्यमियों और छोटे उद्योग शुरु करने वालों को वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा. यह फंड इन निवेशकों से कंपनी के शुरु करने या मुश्किल समय में जारी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता के रूप में लिया जा सकता है.
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