मानस नेशनल पार्क, असम: विश्व धरोहर स्थल मानस नेशनल पार्क को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया.
असम में विश्व धरोहर स्थल मानस नेशनल पार्क को 27 अक्टूबर 2013 को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. मानस नेशनल पार्क को मानसून के दौरान बंद कर दिया गया था और मानसून के बाद पार्क में आने वालों की सुविधा के लिए आसपास की सड़कों की मरम्मत कर दी गई.
इसके साथ ही पार्क के अधिकारियों ने वर्ष 2013 में मानस नदी में नौकाएं चलाने की अनुमति देने का निर्णय किया. हाथियों और जीप सफारी की सुविधा वर्ष 2013 में भी उपलब्ध रहनी है.
मानस नेशनल पार्क
मानस नेशनल पार्क असम का एक प्रसिद्ध पार्क है. इसे यूनेस्को प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल के साथ-साथ प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व और एलिफेंट रिजर्व घोषित किया गया. यह हिमालय के फुट्हिल पर स्थित है और भूटान तक फैला हुआ है, जहां इसे रॉयल मानस नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है. यह पार्क बालों वाले खरगोश, असम के छतरी वाले कछुए, नाटे कद वाले सुअर और सुनहरे लंगूर सहित कई लुप्तप्राय: जानवरों का घर है. यहां जंगली पानी की भैंस भी बड़ी संख्या में पाई जाती है. इस पार्क में स्तनपाई की 55, पक्षी की 380, सरीसृप की 50 और उभयचर की 3 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं.
विदित हो कि यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने अपनी 35वीं बैठक (21 जून 2011, पेरिस) में भारत के असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में पुनः शामिल किया था.
विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Plaque)
विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों को कहा जाता है, जो युनेस्को की विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्त्वपूर्ण हैं. कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है.
असम का मानस राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में पुनः शामिल...
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