केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन को 16 नवंबर 2010 को महारत्न कंपनी का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया. महारत्न कंपनी का दर्जा पाने वाली दो अन्य कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड है. ज्ञातव्य हो कि 19 मई 2010 को इन चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को महारत्न कंपनी का दर्जा देने का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया गया था. अब देश में चार महारत्न कंपनियों के अलावा 15 नवरत्न कंपनियां और 63 मिनीरत्न कंपनियां हैं.
महारत्न दर्जा प्राप्त कंपनियों को ज्यादा स्वायत्ता दिया जाता है. उन्हें अपने स्तर पर किसी एक परियोजना में 5000 करोड़ रु. तक निवेश की स्वतंत्रता होती है. जबकि नवरत्न कंपनी के लिए यह राशि 1000 करोड़ रु. की होती है. नवरत्न की दर्जा प्राप्त कंपनी से महारत्न का दर्जा प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा निम्नलिखित शर्तें रखी गई हैं:
• औसत वर्षी कारोबार 25000 करोड़ रु से ज्यादा
• कर भुगतान के बाद प्रति वर्ष कुल लाभ 5000 करोड़ रु. (बीते 3 वर्षों में लगातार)
• पिछले 3 वर्षों में कंपनी की कुल कीमत 15000 करोड़ रु.
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