लैटिन अमेरिकी देशों में विपणन के लिए नये बाज़ारों के विकास के लिए भारत सरकार ने खरीद-बिक्री अभियानों/मेलों/प्रदर्शनियों में भागीदारी के उद्देश्य से चलाई जा रही बाज़ार विकास सहायता (एमडीए) योजना हेतु राशि की अंतिम सीमा को हटा दिया है. इस निर्णय से निर्यातकों को लैटिन अमेरिका के देशों के नए बाज़ारों के विकास पर अधिक ध्यान देने में सहयता एवं उनके उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा प्राप्त होना है.
बाज़ार विकास सहायता (एमडीए) योजना के संशोधित निर्देशों में अन्य क्षेत्रों के लिए अधिकतम पात्रता सीमा दोगुनी कर दी गई है. अब से आने वाले वर्षों में 30 करोड़ रुपए तक के एफओबी मूल्य (जहाज पर माल ढुलाई के लिए प्रयोग की जाने वाली शब्दावली) का निर्यात करने वाली निर्यात कंपनियों द्वारा ही एमडीए सहायता के लिए पात्र होना है. इससे पहले यह सीमा 15 करोड़ थी.
संशोधित निर्देशों में व्यापार मेलों तथा प्रदर्शनियों में भागीदारी के लिए वित्तीय अंतिम सीमा को भी काफी विस्तारित किया गया. इनमें लैटिन अमेरिकी देशों के लिए 1,80,000 रुपए से 2,50,000 रुपए; अफ्रीकी देशों, सीआईएस देशों, एशियाई देशों, आस्ट्रेलिया तथा न्यूज़ीलैंड के लिए 1,50,000 से 2,00,000 रुपए निश्चित किया गया है.
विदित हो कि भारत सरकार की बाज़ार विविधीकरण योजनाओं के लिए मुख्य क्षेत्र एलएसी पारंपरिक बाज़ार के घटने के कारण अब मंहगा पड़ रहा था. इस छूट के कारण 30 करोड़ से अधिक एफओबी मूल्य वाले बड़े निर्यातक एलएसी क्षेत्र में अधिक उत्साह से व्यापार कर सकेंगे.
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