भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक पर 07 अगस्त 2013 को 5.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. आरबीआई ने यह जुर्माना स्टेट बैंक के द्वारा करेंसी चेस्ट नियमों के उल्लंघन के कारण लगाया.
आरबीआई की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्टेट बैंक पर लगाया गया जुर्माना वास्तव में बैंक के सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) की एक शाखा में करेंसी चेस्ट के परिचालन एवं रख-रखाव की कमियों के चलते लगाया गया है.
जुलाई 2013 में भी आरबीआई ने एसबीआई पर केवाईसी नियमों के उल्लंघन करने पर लगाया था.
करेंसी चेस्ट (Currency Chest)
देश भर नोटों एवं सिक्कों का वितरण बैंकों निर्धारिच ब्रांचों द्वारा सम्पन्न किया जाता है जिन्हें करेंसी चेस्ट कहा जाता है. चेस्ट किसी भी वाणिज्यिक बैंक का वह पात्र है जहां कि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ नोटों एवं सिक्कों को भंडारण के लिए रखा जाता है. किसी भी चेस्ट में जमा का अर्थ है उस वाणिज्यिक बैंक के खाते में जमा (Credit) जबकि निकाले जाने का अर्थ विकलन (Debit) है.
करेंसी चेस्ट के कार्य
• आम जनता की करेंसी की आवश्यकताओं को पूरा करना.
• कटे-फटे नोटों का विनिमय.
• किसी भी मूल्य वर्ग (Denomination) से दूसरे मूल्य वर्ग के नोट प्राप्त करना.
• सरकार की भुगतान जरूरतों को पूरा करना.
• नकदी के शीघ्र अंतरण को रोकना.
• अनुचित नोटों को वापस लेना.
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