इंटनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA: International Air Transport Association, इयाटा) ने किंगफिशर एयरलाइन को समय पर बिलों का भुगतान नहीं करने के संबंध में इयाटा क्लियरिंग हाउस (आइसीएच) में भाग लेने से मना कर दिया. इयाटा के अनुसार किंगफिशर एयरलाइन को आइसीएच की सुविधा संबंधित शर्तों को पूरा करने के उपरांत ही मिलेगी.
इंटनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा किंगफिशर एयरलाइन को आइसीएच में भाग लेने पर प्रतिबंध के कारण किंगफिशर दूसरी एयरलाइनों के साथ बिलों का आदान-प्रदान व समाधान नहीं कर सकेगी. हालांकि, इससे किंगफिशर एयरलाइन की उड़ानों और टिकट बुकिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
ज्ञातव्य हो कि फरवरी 2012 से 8 मार्च 2012 के मध्य यह दूसरा मौका है, जब किंगफिशर को आइसीएच से सस्पेंड किया गया है. आइसीएच की सदस्यता के तहत एयरलाइनों को दूसरी एयरलाइनों के साथ भुगतानों का आदान-प्रदान व समायोजन करने की सुविधा मिलती है. इससे पूर्व टैक्स का भुगतान नहीं करने के कारण भारत में आयकर विभाग और एक्साइज व कस्टम विभाग की ओर से किंगफिशर के खाते फ्रीज किए जा चुके हैं. किंगफिशर को वर्ष 2005 में स्थापना के बाद से कभी मुनाफा नहीं हुआ. अब तक कंपनी को 4000 करोड़ रुपये से अधिक का सकल घाटा हो चुका है.
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