इंटरनेट के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने 28 जून 2011 को सोशल नेटवर्किंग साइट गूगल प्लस (google+) बनाने की घोषणा की. सोशल नेटवर्किंग साइट गूगल प्लस (google+) से वर्तमान में केवल निमंत्रण द्वारा जुड़ा जा सकता है. यानी इसका अभी ट्रायल चल रहा है. गूगल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (इंजीनियरिंग) विक गुंदोत्रा के अनुसार सभी तरह के परीक्षणों के उपरांत यह आम लोगों के लिए सुलभ हो पाएगा.
गूगल की सोशल नेटवर्किंग साइट गूगल प्लस (google+) के बनाने के पीछे उद्देश्य का उल्लेख करते हुए विक गुंदोत्रा ने बताया कि बाजार में उपलब्ध अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट में हमारे वास्तविक जीवन की बातचीत खो रही है. उदहारण के तौर पर फेसबुक में अपने निजी वीडियो और फोटो को बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं रख पाने की चिंता का ध्यान गूगल प्लस में रखा गया है. गूगल प्लस (google+) में यूजर्स को यह सुविधा दी गई है कि वह किसी खास वीडियो या फोटो को कुछ खास लोगों की पहुंच तक ही सीमित रख सके.
गूगल प्लस (google+) के ट्रायल संस्करण में सर्किल (Circles), हैंगआउट्स (Hangouts), इन्स्टैंट अपलोड (Instant Upload), स्पार्क्स (Sparks) और हडल (Huddle) टैब बनाए गए हैं. गूगल कंपनी के अनुसार गूगल की लोकप्रियता साइट से जुड़ने की बड़ी वजह होगी.
ज्ञातव्य हो कि इंटरनेट मार्केटिंग रिसर्च कंपनी कॉमस्कोर के अनुसार मई 2011 में 18 करोड़ लोग यू-ट्यूब समेत गूगल साइट्स पर गए जबकि अकेले फेसबुक को लगभग 16 करोड़ लोगों ने समय दिया. गूगल यूजर्स ने 46 सौ करोड़ पन्नों को देखा और उन पर औसतन 231 मिनट खर्च किए. वहीं फेसबुक यूजर्स 10300 करोड़ पन्नों पर गए और औसतन 375 मिनट दिए.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation