इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) ने 17 नवंबर 2015 को वैश्विक आतंकवाक सूचकांक (ग्लोबल टेरोरिज्म इंडेक्स) 2015 जारी किया.
यह मारे गए लोगों, चोट, संपत्ति के नुकसान और हादसों की संख्या के मामले में 162 देशों ( दुनिया के 99 फीसदी आबादी को कवर करता है) में आतंकवाद के प्रभाव का व्यापक सारांश है.
रिपोर्ट के अनुसार 2014 में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 80 फीसदी का इजाफा हुआ है जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है और आतंकवाद का वैश्विक आर्थिक लागत अब तक के सबसे उच्चतम स्तर 52.9 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है.
साल 2014 में आतंकवाद से प्रभावित होने वाले 162 देशों में से भारत का स्थान छठा था. साल 2014 की तुलना में आतंकवाद से भारत में होने वाली मौतों में थोड़ा इजाफा हुआ और यह कुल 416 रहा. साल 2010 के बाद से यह आतंकवादी हमलों की सबसे अधिक संख्या थी.
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2015 से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• वर्ष 2014 में आतंकवाद से प्रभावित होने वाले शीर्ष पांच देश हैं – इराक, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, पाकिस्तान और सीरिया.
• वर्ष 2014 में आतंकवाद से सबसे कम प्रभावित होने वाले देश रहे– जापान, मालावी, टोगो, जाम्बिया आदि
• आतंकवाद से वर्ष 2013 में मारे जाने वाले 18,111 लोगों की तुलना में 2014 में आतंकवाद से कुल 32658 लोग मारे गए, जो अब तक दर्ज की गई सबसे अधिक वृद्धि है.
• बोको हरम और आईएसआईएल वर्ष 2014 में होने वाले सभी वैश्विक मौतों में से 51 फीसदी मौत के लिए संयुक्त रूप से जिम्मेदार रहें .
• 500 से अधिक मौतों वाले देशों की संख्या में 120 फीसदी का इजाफा हुआ और ऐसे देशों की संख्या 11 रही.
• कुल मौतों का 78 फीसदी और कुल हमलों का 57 फीसदी सिर्फ इन पांच देशों में रहा– अफगानिस्तान, इराक, नाइजीरिया, पाकिस्तान और सीरिया.
• आंतकवाद से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला देश इराक बना हुआ है. यहां आतंकवाद से होने वाली मौतों की संख्या 9929 रही जो किसी भी देश में दर्ज किए जाने वाली मौतों की संख्या में अब तक की सर्वोच्च संख्या है.
• वर्ष 2014 में नाइजीरिया ने आतंकवादी गतिविधियों में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की. वर्ष 2013 की तुलना में यहां 300 फीसदी से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई.
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक के बारे में
• इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) ने सबसे पहले साल 2012 में वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (जीटीआई) जारी किया था.
• यह देशों को आंतकवादी गतिविधियों के प्रभाव के आधार पर रैंक देने के साथ– साथ आतंकवाद से संबंधित आर्थिक एवं सामाजिक आयामों का भी विश्लेषण करता है.
• यह भौगोलिक गतिविधि, हमलों के तरीके, शामिल संगठन और राष्ट्रीय आर्थिक एवं राजनीतिक संदर्भ में आतंकवाद के पैटर्न की जांच करता है.
• जीटीआई के 2015 संस्करण में आतंकवाद के संचालकों, उन इलाकों में आतंकवाद का प्रभाव जिन्हें अंतरराष्ट्रीय जिहादी समूहों ने पश्चिम के रूप में चिन्हित किया है, का भी विश्लेषण किया गया है. इसके अलावा आतंकवाद के आर्थिक लागत का भी अनुमान लगाया गया है.
• आधारिक रूप से इसे 7 दिसंबर 2015 को न्यूयॉर्क, अमेरिका में जारी किया जाएगा.
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