भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation, इसरो) ने पांच ब्रिटिश उपग्रहों को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सूर्य समकालिक (सन-सिंक्रोनस) कक्षा में सफलता पूर्वक 10 जुलाई 2015 को स्थापित किया. अब तक की सबसे बड़ी व्यावसायिक लांचिंग करते हुए इसरो ने पीएसएलवी सी-28 (PSLV -C28) रॉकेट की मदद से यह प्रक्षेपण किया.
यह उपग्रह तीन एक समान डीएमसी3 ऑप्टिकल पृथ्वी निगरानी उपग्रह और दो सहायक उपग्रह यथा- सीबीएन टी-1 (CBNT-1) और डी ऑर्बिट-सेल (De-OrbitSail) थे. इनमें से प्रत्येक डीएमसी-3 उपग्रह का वजन 447 किलोग्राम है. इसके अलावा माइक्रो सैटेलाइट सीबीएनटी-1 का वजन 91 किलोग्राम तथा नैनो सैटेलाइट डीऑर्बिटसेल का वजन सात किलोग्राम है.
तीनों डीएमसी3 उपग्रहों को पीएसएलवी-एक्सएल के आधुनिक संस्करण का उपयोग करते हुए 647 किलोमीटर दूर सौर-समकालिक कक्षा में स्थापित किया गया.
सभी उपग्रहों का निर्माण सूरी सॅटॅलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड (Surrey Satellite Technology Limited, SSTL) द्वरा किया गया. इसका वजन 1440 किलोग्राम है.
इसरो और उसकी व्यावसायिक शाखा एन्ट्रिक्स कॉरपोरेशन द्वारा किया गया यह सबसे वजनी व्यावसायिक प्रक्षेपण है.
पीएसएलवी की यह 29वीं सफल उड़ान थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इससे पहले पीएसएलवी के 28 मिशन सफल रहे और एक असफल रहा.
इससे पहले, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद) ने 30 जून 2014 को फ्रांस के 712 किलो के उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ा था.
भारत ने अपना पहला कमर्शियल व्हीकल श्रीहरिकोटा से ही 26 मई 1997 को लॉन्च किया था.
PSLV क्या है?
PSLV भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा संचालित एक सैटेलाइट सिस्टम है. भारत ने इसे अपने रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में लॉन्च करने के लिए विकसित किया है. भारत के पहले पीएसएलवी की तकनीक सिर्फ रूस के पास थी. भारत ने इसे बेहतर ढंग से विकसित ही नहीं किया, बल्कि कई सफल लॉन्चिंग भी की है. इसी कारण से इसे दुनिया के सबसे विश्वसनीय सैटेलाइट व्हीकल के रूप में जाना जाता है.
PSLV- C28 से संबंधित मुख्य तथ्य
• धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का यह अब तक का सबसे वजनी कमर्शियल (1440 किग्रा) मिशन है.
• इस पीएसएलवी की यह 30वीं और एक्सएल वर्जन की नौवीं उड़ान है.
• इससे पहले इसरो का सबसे भारी व विदेशी कमर्शियल मिशन स्पॉट-7 मिशन था. फ्रांस के 712 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट को 30 जून 2014 को पीएसएलवी के जरिए ही लॉन्च किया गया था.
• 44.4 मीटर लंबे और 320 किलोग्राम वजनी यह पीएसएलवी चार चरणों वाला रॉकेट है.
मुख्य उपयोग
ये उपग्रह पृथ्वी की सतह पर रोजाना किसी भी लक्ष्य की तस्वीर ले सकते हैं. इनका मुख्य उपयोग पृथ्वी पर संसाधनों और उसके पर्यावरण का सर्वेक्षण करना, शहरी अवसंरचना का प्रबंधन करना और आपदा प्रबंधन है.
भारत की PSLV सीरीज के तहत यह 30वीं लॉन्चिंग है. अभी तक भारत 40 कमर्शियल विदेशी सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है.
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