उत्तर प्रदेश सरकार ने आसामी पट्टेदारों और कृषि भूमि के पट्टेदारों को जमीन का मालिकाना हक देने पर अपनी सहमति 4 जुलाई 2015 को प्रदान की. इस निर्णय से लाखों भूमिहीन किसानों को लाभ मिलेगा.
यह निर्णय राजस्व समिति के सिफारिश के आधार पर लिया गया. इस समिति का गठन वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया था.
हालांकि इस निर्णय से केवल उन्हीं असामी पट्टेदारों को लाभ मिलेगा जिन्हें वर्ष 2000 से पहले पट्टे दिए गए थे. आसामी पट्टेदारों को 10 वर्ष तक जमीन को बेचने का अधिकार नहीं होगा.
असामी पट्टेदार वे किसान हैं जिन्हें जमींदार द्वारा जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1951 से पहले कृषि भूमि के पट्टे दिए गए थे.
इनमें वे किसान भी शामिल हैं जिन्हें कुछ ग्राम पंचायतों ने कृषि कार्य के लिए भूमि पट्टे दी थी परन्तु उन्हें स्वामित्व अधिकार नहीं प्राप्त है.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation