गुजरात आधारित अडानी पोर्ट्स स्पेशल इकनोमिक ज़ोन (एपसेज़) ने 19 अक्टूबर 2015 को भारतीय दलहन एवं अनाज एसोसिएशन (आईपीजीए) के साथ समझौता किया. इसका उद्देश्य देश में मौजूद दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है.
अडानी बंदरगाहों का उपयोग करके देश में दालों की सुविधाजनक उपलब्धता कराने के लिए यह समझौता किया गया है.
अडानी द्वारा अपने सभी बंदरगाहों द्वारा कृषि बाजार में जगह बनाने के लिए विश्व स्तर की सुविधाएं दी गयी हैं. बंदरगाहों पर कृषि वस्तुओं के लिए बड़े गोदाम बनाये गये हैं. इसके अतिरिक्त कंपनी ने अन्य एजेंसियों से प्रबंधन सेवाओं के लिए भी समझौता किया है.
वर्तमान में, भारत घरेलू खपत के लिए लगभग पांच मिलियन टन दालों का कनाडा, ऑस्ट्रेलिया एवं काला सागर क्षेत्र से आयात करता है.
अडानी पोर्ट्स एवं स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन लिमिटेड (एपसेज़)
अडानी पोर्ट्स एवं स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन लिमिटेड (एपसेज़) अडानी ग्रुप का ही भाग है जो मुंद्रा में भारत के विशालतम स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन नेटवर्क का प्रतिनिधित्व करता है.
इसका संचालन अडानी लोजिस्टिक्स लिमिटेड के नाम से किया जाता है. यह भारत का विशालतम निजी बंदरगाह संचालक है जो आठ स्थानों पर मौजूद है.
मुंद्रा बंदरगाह, गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है जो उत्तरी-पश्चिमी भारत के समुद्री व्यापार का प्रतिनिधत्व करता है.
भारतीय दलहन एवं अनाज एसोसिएशन (आईपीजीए)
भारतीय दलहन एवं अनाज एसोसिएशन, भारत में दालों के आयात और निर्यात करने वाली सर्वोच्च संस्था है. इसके 400 सदस्यों एवं सप्लाई चेन में 10000 भागीदारों की बदौलत यह भारत में दालों की आपूर्ति भी सुनिश्चित करता है.
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