रक्षा मंत्रालय तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने 13 जुलाई 2015 को कौशल विकास और उद्यमिता पर सामरिक भागीदारी की सुविधा प्रदान करने हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये.
समझौता ज्ञापन पर रक्षा सचिव जी मोहन कुमार तथा एमएसडीई में उनके समकक्ष सुनील अरोड़ा ने हस्ताक्षर किए. यह समझौता ज्ञापन सेना से सेवानिवृत हो चुके सैनिकों के कौशल को देश के विकास कार्यों में उपयोग करने के लिए सहायता करेगा. यह समझौता ज्ञापन सशस्त्र बलों तथा नागरिक क्षेत्र के बीच कड़ी का काम करेगा.
समझौता ज्ञापन
इससे सेवानिवृत्त हो चुके अथवा सेवानिवृत्त होने के कगार पर पहुंच चुके सेवा कर्मियों को रोज़गार मिलेगा तथा उनके कौशल का उपयोग भी किया जा सकेगा.
उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु पुनर्वास महानिदेशक द्वारा प्रशिक्षण सुविधा शुरू की जाएगी जो राष्ट्रीय कौशल विकास फ्रेमवर्क से जुड़ी होगी तथा सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा विकसित की जाएगी.
इससे रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों तथा आयुध निर्माण इकाईयों को भी कौशल विकास के कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा.
यह 3 लाख भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके परिवार के सदस्यों को अगले पांच वर्ष में लाभकारी रोज़गार एवं प्रशिक्षण प्रदान करेगा.
रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों तथा आयुध निर्माण इकाईयों को उनके बुनियादी ढांचे, सीएसआर फंड तथा आईआईटी के डेवेलपमेंट मॉडल का उपयोग करके उन्हें कौशल प्राप्त युवा उपलब्ध कराये जायेंगे.
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