ऑक्सफेम ने स्टैंडिंग ऑन द साइडलाइन नाम की रिपोर्ट जारी की

May 31, 2014, 14:04 IST

ऑक्सफेम ने ‘स्टैंडिंग ऑन द साइडलाइन’ नामक रिपोर्ट 20 मई 2014 को जारी की.

ऑक्सफेम ने ‘स्टैंडिंग ऑन द साइडलाइन’ नामक रिपोर्ट 20 मई 2014 को जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा खतरा खाद्य एवं पेय उद्योग पर पड़ेगा और दस बड़ी कंपनियां इस संकट में महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं.
 
रिपोर्ट के अनुसार दस बड़ी कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखला के जरिए ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कर रही हैं और वनों की कटाई एवं भूमि का अस्थिर इस्तेमाल को वे बढ़ावा दे रही हैं.
 
रिपोर्ट की प्रमुख बातें
• जलवायु परिवर्तन की वजह से नाश्ते के अनाज औऱ अन्य घरेलू खाद्य सामग्रियों की कीमत बढ़ सकती है.
• बड़ी दस कंपनियों में शामिल हैं– एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड्स (एबीएफ), कोका– कोला, डैनॉन, जेनरल मिल्स, कैलॉग्स, मार्स, मोन्डेलेज इंटरनेशनल, नेस्ले, पेपसिको और यूनिलीवर.
• खाद्य एवं पेय उत्पादन करने वाली प्रमुख कंपनियां वर्ष 2012 करीब 264 मिलियन टन ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन की जिम्मेदार थीं जो फिनलैंड, स्वीडन, डेनमार्क और नॉर्वे द्वार मिलकर उत्सर्जित किए जाने वाले गैस से भी अधिक है.
• ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का आधा हिस्सा कृषि जींसों के उत्पादन वाली कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला से होती है. ये उत्सर्जन लक्ष्य में बंधे नहीं होते और प्रत्येक कंपनी को अपने उत्सर्जन को खुद कम करना होता है.
• इसमें यह भी कहा गया है कि केलॉग्स और जनरल मिल्स का जलवायु परिवर्तन नीतियों में सबसे खराब प्रदर्शन है.
• सिर्फ नेस्ले, यूनीलीवर और कुछ हद तक मार्स और कोका– कोला नीति निर्माताओं और व्यवसायों को प्रोत्साहित करने में मुखर थे.
• आने वाले 15 वर्षों में जलवायु परिवर्तन की वजह से जनरल मिल्स किक्स अनाज के खुदरा मूल्य को 24 फीसदी और केलॉग्स कॉर्नफेल्क्स के मूल्य 44 फीसदी तक बढ़ सकते हैं.
• इसमें कंपनियों को इन मुद्दों से न निपटने की सूरत में वित्तीय घाटे की स्थिति का सामना करने की चेतावनी दी गई है क्योंकि मौसम की चरम स्थिति उत्पादन को प्रभावित करेगी.

रिपोर्ट की मुख्य सिफारिशें
• जलवायु परिवर्तन उत्सर्जन के बारे में जानें और जानकारी दें जिसमें आपूर्ति श्रृंखला से होने वाला उत्सर्जन भी शामिल हो.
• ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में परिणामात्मक कमी लाने का वादा करना.
• जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई का समर्थन करना.

ऑक्सफेम के बारे में
ऑक्सफेम 17 संगठनों का अंतरराष्ट्रीय परिसंघ है जो गरीबी का हल ढूंढने और अन्य के खिलाफ विश्व के करीब 94 देशों में काम करता है.
ऑक्सफेम की सभी कार्रवाइयों का एक ही लक्ष्य होता है– लोगों को अपने अधिकारों का प्रयोग करने में सक्षम बनाना और खुद के जीव का प्रबंधन करने आना. ऑक्सफेम समुदायों के साथ सीधे काम करता है और गरीबों को उनके जीवनस्तर और आजिविका में सुधार लाने एवं उनको प्रभावित करने वाले फैसलों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रभावी कदम उठाता है.

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