कर्नाटक उच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पांच निर्दलीय विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को बरकरार रखा है. कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना, न्यायमूर्ति मोहन शान्तनागौदर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की खंडपीठ ने पांचों निर्दलीय विधायकों (डी सुधाकर, वेंकटरमनप्पा, गुलिहट्टी डी शेकर, शिवराज एस टंगाडगी और पीएम नरेंद्र स्वामी) की याचिका 14 फरवरी 2011 को खारिज कर दी.
ज्ञातव्य हो कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपइय्या ने दल-बदल कानून के तहत भारतीय जनता पार्टी की सरकार से समर्थन वापस लेने के आरोप में उपरोक्त पांचों विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया था. कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अपने फैसले में बताया कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से वैधानिक स्थिति का उल्लंघन नहीं हुआ था. खंडपीठ ने साथ में यह भी बताया कि मतदाताओं को इस बात का अधिकार है कि वे दल-बदल के लिए अपने विधायकों के खिलाफ याचिका दायर करने का क़ानूनी हक रखते हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation