इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया (आईडीबीआई) ने 14 अगस्त 2015 को किशोर पिराजी खरात को प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया.
किशोर खरात कॉमर्स एवं लॉ में स्नातक हैं, उन्हें बैंकिंग के विभिन्न नियामकों में वृहद अनुभव प्राप्त है. इससे पहले वे यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं तथा बैंक ऑफ़ बड़ोदा में भी कार्यरत रह चुके हैं.
उन्हें बैंकिंग, अन्तरराष्ट्रीय व्यापार, सूचना प्रोद्योगिकी तथा सामान्य प्रशासन का अनुभव प्राप्त है.
इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया (आईडीबीआई)
आईडीबीआई का गठन 1 जुलाई 1964 को आईडीबीआई एक्ट 1964 के तहत किया गया जो डेवलपमेंटल बैंक ऑफ़ कनाडा के मॉडल पर आधारित है तथा जिसका उद्देश्य इंडस्ट्रीज को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
भारत सरकार ने वर्ष 1975 में आईडीबीआई का नियंत्रण अपने हाथों में लिया तथा इसे स्वतंत्र स्वायत्त सांविधिक संगठन में बदल दिया गया.
इसे एक सार्वजनिक वित्तीय संस्थान के रूप में जाना जाता है किन्तु 40 वर्ष के लिए एक डीएफआई के रूप में काम करने के लिए सूचित किया गया था. यह देश का 28वां सार्वजनिक क्षेत्र बैंक है. आईडीबीआई पहले आईडीबीआई लिमिटेड के नाम से जाना जाता था.
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