17 अप्रैल 2015 को केंद्र सरकार ने रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीईटी) के प्रशिक्षण और प्रशिक्षु विभागों को केंद्रीय श्रम मंत्रालय से केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में हस्तांतरित करने का फैसला किया.
देश भर में डीजीईटी के तहत 12,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) आते हैं. इसके साथ ही, पब्लिक– प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत कौशल विकास के लिए 25 नए उन्नत प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना भी कौशल विकास मंत्रालय के अधीन आएगी.
यह हस्तांतरण देश में सभी कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानक को राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा के तहत आदेश देता है. इससे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत सर्टिफिकेट प्रक्रिया को बढ़ावा भी मिलेगा.
इस फैसले के परिणामस्वरूप, मंत्रालय न सिर्फ सभी मंत्रालयों और विभागों के कौशल विकास गतिविधियों पर नजर रखेगा बल्कि वास्तव में योजनाओं को लागू भी करेगा.
वर्ष 2022 तक श्रम मंत्रालय ने 100 मिलियन लोगों को कौशल– प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है. नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्प (एनएसडीसी) इसी अवधि में 150 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करेगा. एनएसडीसी, कौशल विकास मंत्रालय के तहत आता है.
कौशल विकास मंत्रालय के विभाग राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी (एनएसडीसी) द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2014–15 में 21 विभागों और मंत्रालयों द्वारा 10.5 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित किया जाना था लेकिन 5.1 मिलियन लोगों को ही प्रशिक्षण दिया जा सका.
बड़े मंत्रालयों में श्रम और रोजगार मंत्रालय ने अपेक्षाकृत बेहतर काम किया और 1.62 मिलियन से भी अधिक के अपने वार्षिक लक्ष्य से 89% अधिक हासिल किया.

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