केंद्र सरकार ने नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में अपतटीय पवन ऊर्जा संचालन समिति का गठन 6 मार्च 2013 को किया. अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं का विकास पवन संसाधन की स्थिति, समुद्र-विज्ञान अध्य्यन, पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन, अवसंरचना, विभिन्न मंत्रालयों/संबद्ध पक्षों आदि से जरुरी क्लियरेंस पर निर्भर करता है.
विदित हो कि पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापित क्षमता के संदर्भ में भारत का विश्व में पांचवा स्थान है और 31 जनवरी 2013 तक इसकी क्षमता 18522 मेगावाट तक पहुंच गई. तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र के तटों पर अपतटीय पवन ऊर्जा को विकसित करने की अच्छी संभावनाएं हैं.
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