केंद्र सरकार ने नीलामी के जरिए और कोयला खंडो की पहचान के लिए कोयला मंत्रालय के अपर सचिव की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया. समिति के गठन संबंधी अधिसूचना केन्द्रीय कोयला मंत्रालय ने 14 मई 2014 को जारी की. इस समिति में कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया और इसकी सहायक इकाइयों के अधिकारी और कोल कंट्रोलर ऑफिस के अधिकारियों को शामिल किया गया है.
ये कोयला खंड पहले के 54 कोयला खंडों के अलावा हैं. इन 54 कोयला खंडों को प्रतिस्पर्धी बोलियों के जरिये नीलामी के लिए चिन्हित किया जा चुका है. इनमें 18 अरब टन कोयले के भंडार हैं.
समिति के कार्य एवं अधिकार
• इस समिति को नीलामी के लिए कोयला खदानों की पहचान करना.
• वर्ष 2008 के बाद पता लगाए गए क्षेत्रों से भी नीलामी योग्य कोयला खंडों का चयन करना.
• खान की सतह में पाए जाने वाली मीथेन गैस और उत्पादकों द्वारा छोड़े गए खंडों का अध्ययन करना.
• आवंटित ब्लॉकों का विकास करने के लिए कोल इंडिया की तैयारियों की समीक्षा करना और कंपनी को नए ब्लॉकों के आवंटन की संभावनाओं पर विचार करना.
• इस समिति को आवंटन रद्द करने योग्य ऐसे ब्लॉकों की पहचान करने का अधिकार दिया गया है जिन पर कोई कानूनी विवाद नहीं है.
विदित हो कि कोयला मंत्रालय ने पहले ही स्टील, सीमेंट और स्पंज आयरन कंपनियों को कैप्टिव इस्तेमाल के लिए तीन कोयला ब्लॉकों की नीलामी का प्रस्ताव दिया है. इनमें से दो ब्लॉक झारखंड और एक पश्चिम बंगाल में स्थित है.
वर्ष 2013 में एनटीपीसी सहित केंद्र और राज्य सरकारों की इकाइयों को 17 कोयला खदानें आवंटित की गई थीं.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2013 में कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया तय की थी.
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