केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की शुरूआत 17 अक्टूबर 2014 को की. राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक, स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक पहल है जिसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता की संस्कृति को विकसित करने के लिए कल्पित किया हैं. वायु गुणवत्ता सूचकांक आम आदमी के लिए वायु गुणवत्ता की जाँच करने के लिए एक अंक - एक रंग – एक विवरण के रूप में कार्य करेगा. इससे पहले मापने वाला सूचकांक तीन संकेतक तक ही सीमित था, जबकि इस सूचकांक में पाँच अतिरिक्त संकेतकों के द्वारा इसे काफी व्यापक बना दिया गया है, प्रस्तावित वायु गुणवत्ता सूचकांक आठ मापदंडों पर आधारित होगी. (पीएम 10, पीएम 2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, ओजोन, अमोनिया और लेड).
पृष्ठभूमि
वायु प्रदूषण विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण और स्वास्थ्य चिंताओं का विषय रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ देश के 240 शहरों में राष्ट्रीय वायु निगरानी कार्यक्रम (एनएएमपी) का संचालन कर रहें हैं.
इसके अतिरिक्त, सतत निगरानी प्रणाली जो वास्तविक समय के आधार आंकड़े उपलब्ध कराती हैं भी कुछ शहरों में स्थापित किए गए थे. परंपरागत रूप से, वायु गुणवत्ता की स्थिति को बहुत अधिक आंकड़ो के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता हैं अतः वायु गुणवत्ता के बारे में जानकारी सरल भाषाई दृष्टि से सार्वजनिक डोमेन में डालना महत्वपूर्ण था जिससे की आम आदमी द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक को आसानी से समझा जा सके.
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)
• वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लोगों को उन प्रदूषकों के बारे में जो अल्पकालिक प्रदूषकों के बारे में वायु गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्रदान करने के प्रभावी प्रचार-प्रसार के लिए प्रणाली पर जोर देता हैं.
• इस सूचकांक को एक विशेषज्ञ समूह द्वारा जिसमें चिकित्सा पेशेवरों, वायु गुणवत्ता विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, गैर सरकारी संगठनों, और राज्य शामिल हैं द्वारा विकसित किया गया.
• इसमें कुल छह वायु गुणवत्ता सूचकांक श्रेणियां हैं जिनमें अच्छा, संतोषजनक, मध्यम प्रदूषित, प्रदूषित, बहुत प्रदूषित और गंभीर रूप से प्रदूषित जिनकों हरे रंग से लेकर गहरे लाल रंग में कोडित किया गया.
• इस सूचकांक ने विभिन्न वायु प्रदूषण के स्तरों को नागरिकों के लिए वायु गुणवत्ता का एक सरल वर्णन के लिए एक एकल संख्या में बदल दिया हैं.
• वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए और इस प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी को आकर्षित करने के उद्देश्य से स्थानीय अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
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