केंद्रीय बजट 2010-11: योजना आवंटन

Mar 10, 2011, 17:12 IST

देश के कुछ राज्यों में वर्ष 2009 में आये सूखे और अन्य भागों में आई भयंकर बाढ़ को देखते हुए किसानों द्वारा लिए गये ऋण की वापसी अदायगी अवधि को किसानों के लिए ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना के तहत 31 दिसंबर, 2009 से छः माह बढ़ाकर 30 जून 2010 तक कर दिया गया. 60,000 करोड़ रु. की ऋण माफ़ी और ऋण राहत इस योजना की घोषणा 29 फरवरी 2008 को वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में किया था.

किसानों के लिए ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना


देश के कुछ राज्यों में वर्ष 2009 में आये सूखे और अन्य भागों में आई भयंकर बाढ़ को देखते हुए किसानों द्वारा लिए गये ऋण की वापसी अदायगी अवधि को किसानों के लिए ऋण माफ़ी और ऋण राहत योजना के तहत 31 दिसंबर, 2009 से छः माह बढ़ाकर 30 जून 2010 तक कर दिया गया. 60,000 करोड़ रु. की ऋण माफ़ी और ऋण राहत इस योजना की घोषणा 29 फरवरी 2008 को वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में किया था.    

    

जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर मिशन


भारत को सौर उर्जा के क्षेत्र में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से वर्ष 2022 तक 20,000 मेगावाट सौर उर्जा उत्पादन का लक्ष्य जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर मिशन में रखा गया है. बजट 2010-11 में इस नवीकरणीय उर्जा उत्पादन के लिए 1,000 करोड़ रु. का आवंटन किया गया. मिशन को क्रियान्वित करने के लिए फोटोवोल्टिक और सौर ताप विद्युत उत्पादन यूनिटों की आरंभिक स्थापना हेतु अपेक्षित मशीनरी, यंत्रों आदि पर 5 प्रतिशत का रियायती सीमा-शुल्क का प्रावधान रखा गया. साथ ही केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से छूट का भी प्रस्ताव रखा गया.



23 नवंबर 2009 को सरकार ने जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर मिशन की स्थापना की थी. मिशन को तीन चरणों में पूरी करने की बात कही गयी है. 11वें पंचवर्षीय योजना और 12वें पंचवर्षीय योजना (2013-2017) के प्रथम वर्ष को मिशन के पहले चरण में रखा गया है. 12वें पंचवर्षीय योजना के अंतिम चार वर्षों को दूसरे चरण में जबकि 13वें पंचवर्षीय योजना को तीसरे चरण में रखा गया है.

राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा निधि (एनसीईएफ)


स्वच्छ ऊर्जा के विकास पर सकारात्मक जोर, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान तथा अभिनव परियोजनाओं के निधिपोषण हेतु बजट 2010-11 में एक राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा निधि की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया. इसके निधिपोषण हेतु भारत में उत्पादित कोयले पर 50 रु. प्रति टन की सामान्य दर पर स्वच्छ ऊर्जा उपकर लगाने का प्रस्ताव रखा गया. साथ ही आयातित कोयले पर भी यह उपकर लगाया गया.    

राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण (एनजीआरबीए)


देश की राष्ट्रीय नदी गंगा के बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए ‘मिशन स्वच्छ गंगा 2020’ के तहत बजट 2010-11 में इस प्राधिकरण का आवंटन 500 करोड़ रु. किया गया. मिशन का उद्देश्य है कि नगर निगम द्वारा शोधित नहीं किया गया कोई भी मलव्ययन अथवा औद्योगिक बहिःस्राव राष्ट्रीय नदी में नहीं बहाया जायेगा.

महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 


ग्रामीण विकास, वयस्कों को रोजगार और आमदनी को बढ़ावा देने वाली इस रोजगार गारंटी योजना का आवंटन बजट 2010-11 में 40,100 करोड़ रु. किया गया.

25 अगस्त 2005 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (नरेगा) लोकसभा में पारित किया गया था. एक्ट के तहत ग्रामीण वयस्कों को प्रति वर्ष 100 दिन का रोजगार देने का कानून में प्रावधान किया गया है. रोजगार न मिलने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता का भी प्रावधान है. 2 फरवरी 2006 में 200 जिलों से इस योजना की शुरुआत की गयी थी. 1 अप्रैल 2008 को यह योजना देश के सभी जिलों में लागू कर दी गयी थी. 2 अक्टूबर 2009 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट का पुनः नामकरण कर महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट कर दिया गया. 

इंदिरा आवास योजना


कमजोर ग्रामीण वर्गों के आवासीय व्यवस्था के लिए बजट 2010-11 में इंदिरा आवास योजना के तहत 10,000 करोड़ रु. का आवंटन किया गया. भवन-निर्माण की लागत में वृद्धि को देखते हुए योजना के तहत प्रति इकाई लागत बढ़ाकर मैदानी क्षेत्रों के लिए 45,000 रु. और पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 48,500 रु. किया गया.

1985-86 में शुरू की गई यह योजना भूमिहीन ग्रामीण रोजगार गारंटी प्रोग्राम की उपयोजना थी. 1989 में यह जवाहर रोजगार योजना की उपयोजना बनी. 1 जनवरी 1996 से इसे एक स्वतन्त्र योजना के रूप में शुरू किया गया जो ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है. अनुसूचित जाति/जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे की ग्रामीण आबादी को घर मुहैया करवाना इस योजना का मुख्य उद्येश्य है. इस योजना के तहत अब तक  55,000 करोड़ रु. खर्च के साथ 213 लाख घरों का निर्माण किया गया है.


स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना 


शहरी बेरोजगारी और गरीबी उन्मूलन के लिए 1 दिसंबर 1997 को शुरू की गई इस योजना को सामुदायिक भागीदारी, दक्षता विकास और स्वरोजगार सहायता ढांचों सहित विस्तृत किया गया है. बजट 2010-11 में शहरी विकास हेतु 5,400 करोड़ रु. का आवंटन किया गया. इसके अतिरिक्त आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन के लिए 1,000 करोड़ रु. का भी आवंटन किया गया.

इस योजना के तहत खर्च होने वाली राशि का केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 75:25 का अनुपात होता है. कुछ राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह अनुपात 90:10 का है.



राजीव आवास योजना
झुग्गी-झोपड़ी, मलिन बस्तियों के निवासियों और शहरी गरीबों को रहने के लिए घर मुहैया करवाने हेतु राजीव आवास योजना के तहत बजट 2010-11 में 1,270 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.
 
इस योजना के रूप रेखा की घोषणा 12 सितम्बर 2009 को उन राज्यों को सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी जो मलिन बस्तियों के निवासियों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करने को इच्छुक थे. योजना के कार्यान्वयन में सरकार का प्रयास राज्यों को प्रोत्साहित भी करना है जिससे भारत को जल्द से जल्द स्लम-मुक्त बनाया जा सके.



राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा निधि


असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकताओं और असंगठित क्षेत्र कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 के अनुवर्ती कार्रवाई के तहत बजट 2010-11 में इस निधि के लिए 1,000 करोड़ रु. का प्रारंभिक आवंटन किया गया. यह निधि असंगठित क्षेत्र के कामगारों जैसे जुलाहों, ताड़ी बनाने वाले, रिक्शा चालकों, बीड़ी निर्माण में लगे कामगारों आदि हेतु बनायी गई योजनाओं के सहायक का काम करेगी.



राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना


गरीबी रेखा से नीचे के कामगारों और उनके परिवारजनों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने के लिए बजट 2010-11 में इस बीमा योजना को विस्तृत कर महात्मा गाँधी नरेगा लाभार्थियों को भी शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया. प्रस्ताव के अनुसार 15 दिन से अधिक तक का नरेगा संबंधी कार्य करने वालों को इस बीमा योजना का लाभ मिल सकेगा.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत 1 अक्टूबर, 2007 को की गई थी जबकि 1 अप्रैल, 2008 से यह लागू हो चुकी है.



स्वावलंबन योजना
असंगठित क्षेत्र के लोगों को अपनी सेवानिवृत्त के लिए स्वेच्छापूर्वक बचत करने हेतु प्रोत्साहित करने और नई पेंशन योजना (एनपीएस) के अभिदाताओं को लुभाने हेतु बजट 2010-11 में स्वावलंबन योजना के तहत 100 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.



सरकार ने वर्ष 2010-11 में खोले गये प्रत्येक एनपीएस खाते में 1,000 रु. प्रति वर्ष का अंशदान देने का प्रस्ताव रखा. स्वावलंबन योजना के तहत एनपीएस खाते में प्रति व्यक्ति न्यूनतम अंशदान 1,000 रु. और अधिकतम 12,000 रु. प्रति वर्ष रखा गया. यह योजना अगले तीन वित्तीय वर्षों के लिए उपलब्ध रहेगी. योजना का प्रबंधन अंतरिम पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा.



राजीव गांधी योजना


किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गाँधी योजना के तहत बजट 2010-11 में 1,000 करोड़ रु. का आवंटन किया गया. योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समन्वित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के दायरे के  विस्तार की भी बात कही गई.



समन्वित बाल विकास योजना


0 से 6 वर्ष के बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर जोर, बाल मृत्यु दर, कुपोषण को कम करना, विद्यालयी शिक्षा दर को बढ़ावा देना तथा माताओं को पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा के जरिये उनके बच्चों का बेहतर के लक्ष्य को पाने के लिए बजट 2010-11 में 8,700 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.

2 अक्टूबर 1975 को इस योजना की शुरुआत की गई थी.



राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना


सभी गावों/ग्रामीण घरों में बिजली, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को मुफ्त बिजली देने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बजट 2010-11 में इस योजना के तहत 5,500 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की शुरुआत अप्रैल 2005 में की गई थी.



स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना


बजट 2010-11 में ग्रामीण स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु इस योजना के लिए 2,984 करोड़ रु. का आवंटन किया गया. इसमें महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के लिए 100 करोड़ रु. का आवंटन भी शामिल है. योजना में इस बात को प्राथमिकता दी गई कि स्वरोजगार पाने वालों में से कम से कम 50% अनुसूचित जाति/जनजाति, 40% महिलाएँ और 3% विकलांगों को लाभ मिले.



भारत सरकार के द्वारा 1 अप्रैल, 1999 को इस योजना की शुरुआत की गई थी. योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों को दक्षता प्रशिक्षण, अवसंरचना, सब्सिडी, बैंक ऋण आदि मुहैया करवाकर उनके स्वरोजगार का लक्ष्य रखा गया था, ताकि वे गरीबी रेखा से ऊपर आ सकें. 



महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना 


महिला कृषकों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस परियोजना का आरम्भ किया गया. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उपसंघटक के रूप में शुरू की गई इस परियोजना के लिए बजट 2010-11 में 100 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.

साक्षर भारत


महिला साक्षरता दर में और सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन को साक्षर भारत नामक नए कार्यक्रम के रूप में 8 सितम्बर 2009 को लाया गया. 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को साक्षर करने के लक्ष्य में महिलाओं को प्राथमिकता देने की बात कही गई. 7 करोड़ निरक्षर वयस्कों में 6 करोड़ महिलाएं हैं, जिन्हें साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया.

भारतीय अनन्य पहचान प्राधिकरण


भारतीय नागरिकों के अनन्य पहचान संख्याओं के लिए गठित इस प्राधिकरण के लिए बजट 2010-11 में 1,900 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.
 
अनन्य पहचान, वित्तीय समावेशन और लक्षित सब्सिडी भुगतानों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इस प्राधिकरण का गठन नंदन निलेकनी की अध्यक्षता में किया गया था. प्राधिकरण की योजना वर्ष 2011 में अनन्य पहचान संख्याओं का पहला सेट जारी करना है. 



प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना


ग्रामीण क्षेत्रों को पक्की सड़कों से जोड़ने हेतु शुरू की गई इस योजना के लिए बजट 2010-11 में 12,000 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.

25 दिसंबर 2000 को ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य था – मैदानी क्षेत्र के 500 से अधिक आबादी वाले गाँव या पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्र के 250 से अधिक आबादी वाले गावों तक पक्की सड़कों की पहुँच. इस योजना में वित्तपोषण का भार 100% केंद्रीय सरकार का ही होता है.   


सर्व शिक्षा अभियान


6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त स्कूली शिक्षा प्रदान करने हेतु शुरू की गई इस योजना के लिए बजट 2010-11 में 15,000 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.
 
शिक्षा के जरिये सामाजिक, क्षेत्रीय और लिंग भेद दूर करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2001 में इस योजना की शुरुआत की गई थी. यह योजना मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आती है. सभी के लिए शिक्षा का लक्ष्य के साथ साथ अनुसूचित जाति/जनजाति, लड़कियों आदि को प्राथमिकता के स्तर पर रखा गया है. शिक्षा के अलावा शिक्षण संस्थानों की अवसंरचना जैसे पक्की छत वाली कक्षाएँ, शौचालय, पेयजल आदि की व्यवस्था  को भी इस योजना में रखा गया है. साथ ही अनुसूचित जाति/जनजाति, लड़कियों को मुफ्त किताब वितरण भी इस योजना के अंतर्गत आती हैं. कंप्यूटर शिक्षा का भी प्रावधान है.



मध्याह्न भोजन योजना


पहली कक्षा से पाँचवीं कक्षा तक के बच्चों को विद्यालय में मध्याह्न भोजन के लिए बजट 2010-11 में 9,440 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.
 
इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त, 1995 को 2,408 प्रखंडों में लागू कर किया गया था. 1997-98 में इसे देश के सभी प्रखंडों में लागू कर दिया गया. शुरुआत में 100 ग्राम खाद्यान्न प्रति विद्यार्थी प्रति दिन देने की व्यवस्था थी. 2004 में खाद्यान्न के बजाय 300 कैलोरी के समान भोजन देने की व्यवस्था की गई. यह योजना प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति को बढ़ाने के साथ साथ उनके पोषण को भी ध्यान में रखकर चलाई जा रही है.



इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना


गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण, शिशु-जन्म के समय उचित प्रक्रिया, शिशु पालन-पोषण और स्तन-पान को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के तहत बजट 2010-11 में 390 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.

इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को तीन चरणों में कुल 4,000 रु. देने का प्रावधान है, क्योंकि इस अवस्था में उनकी मासिक आमदनी बंद हो जाती है. 19 वर्ष या उस से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए 95 जिलों में इस योजना की शुरुआत नवंबर 2009 में की गई. हालांकि शुरुआती दो शिशु-जन्म के दौरान ही इस योजना का लाभ गर्भवती महिलाओं को मिल सकेगा. सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि उन्हें अलग से मातृत्व सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं. 



राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना


ग्रामीण क्षेत्रों के हर घरों में बिजली के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस योजना का आवंटन बजट 2010-11 में 5,500 करोड़ रु. किया गया.
 
4 अप्रैल 2005 में शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य था – 1 लाख 25 हज़ार गांवों के 7 करोड़ 80 लाख घरों में विद्युतीकरण, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वितरण में कोई भेदभाव नहीं, लघु/ग्रामीण/खादी उद्योगों को बढ़ावा, गरीबी रेखा से नीचे आय वाले परिवारों को मुफ्त बिजली आपूर्ति.




राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना


राज्य सरकारों को सहायता देकर पंचायत प्रतिनिधियों को उचित प्रशिक्षण देना, उनकी क्षमता को बढ़ाना ताकि पंचायती व्यवस्था सुचारू ढंग से चल सके, इसके लिए इस योजना के तहत बजट 2010-11 में 50 करोड़ रु. का आवंटन किया गया.  महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण का भी प्रावधान इस योजना के अंतर्गत रखा गया है.

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