प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लोक प्रशासन और प्रशासनिक सुधारों के क्षेत्र में सुधार हेतु भारत और ब्रिटेन के मध्य नवम्बर 2015 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को 20 जनवरी 2016 को अपनी कार्योत्तरर स्वीकृति प्रदान की.
इसका उद्देश्य दोनों देशों के मध्य लोक प्रशासन और शासन सुधारों के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार लाना है.
समझौता ज्ञापन की विशेषताएं
• समझौता ज्ञापन के अंतर्गत लोक प्रशासन, उपयोगकर्ता सेवा प्रदान करने, सेवा प्रक्रिया में नौकरशाही का दखल कम करने के लिए दोनों देशों द्वारा सहयोग को बढ़ावा दिया जायेगा.
• इसके अतिरिक्त लोक शिकायत निवारण प्रणाली, स्थानीय सरकार सुधार, सामाजिक सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में सुधार, सरकार में नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों में सहयोग हेतु भी विषय शामिल किये गये हैं.
• इससे भारतीय जनसेवा आपूर्ति प्रणाली में कुछ श्रेष्ठ प्रक्रिया और प्रथाओं को अपनाने और नवीकरण में समर्थ बनाने तथा जनसेवा प्रबंधन के क्षेत्र में तेजी से बदलते परिवेश के संदर्भ में ब्रिटेन में मौजूद ग्राहकजन्य सार्वजनिक सेवा आपूर्ति की प्रणाली को समझने में मदद मिलेगी.
• समझौता ज्ञापन लागू करने की जिम्मेदारी लोक प्रशासन और शासन में एक संयुक्त कार्य दल पर होगी.
• समझौता ज्ञापन के अंतर्गत संयुक्त कार्यदल की पहली बैठक जनवरी 2016 के अंत में लंदन में आयोजित की जाएगी.
टिप्पणी
इस सहयोग से कर्मचारी प्रबंधन में सरकार और उद्योग के मध्य सहयोग, जनता की भागीदारी की प्रणाली, संकट और आपदा प्रबंधन तथा सरकार के डिजिटल परिवर्तन द्वारा सहयोग को बढ़ावा दिया जायेगा.
यह समझौता ज्ञापन भारत का सुशासन एवं लोक प्रशासन में सुधार हेतु अन्तरराष्ट्रीय प्रयास है.
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग अब तक चीन, मलेशिया, सिंगापुर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर चुका है, जबकि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये.
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