प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में अपनाये गए विजन दस्तावेज के कार्यान्वयन के उद्देश्य से न्याय प्रदान करने एवं विधि सुधारों के लिए राष्ट्रीय मिशन की स्थापना संबंधी विधि एवं न्याय मंत्रालय के प्रस्ता्व को मंजूरी दे दी. यह मंजूरी 23 जून 2011 को दी गई. मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन 24 से 25 अक्तूबर 2009 के मध्य आयोजित किया गया. इससे पहले 3 दिसंबर 2009 को सरकार ने राष्ट्रीय मिशन की स्थापना के लिए इस विभाग के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, जो इन निर्देशों के साथ दी गई थी कि निर्धारित परामर्श प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद मिशन के विभिन्न घटकों पर सक्षम प्राधिकरण से विशिष्ट मंजूरी ली जाएगी.
अधीनस्थ न्यायालयों में ढांचागत विकास की व्यापक आवश्यकता है. केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत राज्यों में वित्त पोषण के प्रारूप को 50:50 से बढ़ाकर 75:25 करने और पूर्वोत्तर राज्यों में 90:10 किए जाने से इस जरूरत को पूरा किया जा सकता है. केन्द्र सरकार पाँच वर्षों के लिए मिशन मोड योजना पर अनुमानत: 5510 करोड़ रूपए खर्च करेगी.
राष्ट्रीय मिशन के उद्देश्य: राष्ट्रीय मिशन समूचे देश में न्याय के प्रशासन एवं न्याय प्रदान करने में सुधार और विधि सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेगा. इसे मिशन मोड दृष्टिकोण में सभी वर्गों के हितधारकों की विविध ज़रूरतें भी पूरी करनी हैं. मिशन 2011 से 2016 तक 5 वर्ष कार्य करेगा और इस दौरान दो प्रमुख लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा जैसा कि विज़न दस्ता वेज में परिकल्पना की गई है. ये लक्ष्य हैं.
1. न्याय प्रणाली में न्याय प्रदान करने में देरी एवं लंबित मामलों को कम करने के जरिए न्याय तक पहुंच बढ़ाना
2. संरचनात्मक बदलाव के जरिए और कार्यनिष्पादन मानदंड एवं क्षमताएं निर्धारित करके जवाबदेही बढ़ाना
राष्ट्रीय मिशन की महत्वबपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं.
1. राष्ट्रीय मिशन में सलाहकार परिषद, शासकीय परिषद, राष्ट्रीय मिशन लीडर और मिशन निदेशालय शामिल
2. सलाहकार परिषद राष्ट्रीय मिशन के लक्ष्यों, उद्देश्यों और रणनीतियों पर सलाह देगी और इसके अध्यक्ष विधि एवं न्यायमंत्री होंगे.
3. शासकीय परिषद मिशन का कार्यान्वयन सुगम करेगी, नीतिगत निर्देश देगी और मिशन के कार्य की निगरानी करेगी तथा इसकी अध्यंक्षता विधि एवं न्यायमंत्री करेंगे.
4. न्याय विभाग का सचिव राष्ट्रीय मिशन का लीडर होगा.
5. राष्ट्रीय मिशन के विभिन्न प्रयासों/कार्यक्रमों के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए मिशन निदेशालय गठित किया जाएगा. इसकी अध्यक्षता संयुक्त सचिव रैंक का अधिकारी करेगा, जो मिशन निदेशक होगा.
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