हथकरघा बुनकरों के प्रोत्साहन हेतु केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने ऑनलाइन विपणन (मार्केटिंग) कंपनी फ्लिपकार्ट के साथ समझौता (एमओयू) किया. इसकी घोषणा 25 अगस्त 2014 को की गई. एमओयू पर केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय की ओर से विकास आयुक्त (हथकरघा) दिनेश कुमार तथा फ्लिपकार्ट की ओर से इसके उपाध्यमक्ष (बाजार) अंकित नागोरी ने हस्ताक्षर किए. इस समझौते (एमओयू) का मुख्य उद्देश्य हथकरघा बुनकरों के उत्पादों को ऑनलाइन बाजार परिक्षेत्र (मार्केटिंग प्लेटफॉर्म) और बाजार की समझ सुलभ कराना है, जिससे बुनकरों को सशक्त बनाया जा सके तथा देश में हथकरघा विनिर्माण को नई गति प्रदान की जा सके.
फ्लिपकार्ट, केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के साथ हुए इस विशेष समझौते के जरिए भारत में बुनकरों को ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और आंकड़ों के विश्लेषण से संबंधित ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही साथ ग्राहकों के अधिग्रहण में भी मदद करेगा ताकि उन्हें अपने उत्पादों के उचित मूल्य मिल सकें और उनके व्यवसाय में वृद्धि हो. फ्लिपकार्ट ने देश में अपने सर्वाधिक विशाल उपभोक्ता आधार के बल पर बुनकरों को उनके उपलब्धे आंकड़ों का अधिकतम इस्तेमाल करने में मदद देने का लक्ष्य रखा है. इससे उद्यमियों और कारीगरों को उचित बिक्री मूल्य् तय करने, स्वत: भुगतान, समुचित पैकेजिंग, ढुलाई और ब्रांड निर्माण में मदद मिलेगी.
समझौते का संभावित प्रभाव
फ्लिपकार्ट द्वारा मुहैया कराये जाने वाले आंकड़ा विश्लेषण और बाजार समझ की सुविधा से बुनकरों को केवल ऐसे उत्पादों पर अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी, जो बिक्री के लिहाज से कहीं बेहतर साबित होंगे. इससे बुनकरों को अपने उत्पादन और तैयार माल के बारे में योजना बनाने और अपने कारोबार के विस्तारीकरण में मदद मिलेगी. इससे ग्रामीण भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में क्रांति आएगी और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही साथ इस समझौते से कारीगरों का खरीदारों से सीधा जुड़ाव होगा और मार्गदर्शन, पैकेजिंग, संग्रहण एवं खरीदारों को फ्लिपकार्ट से मिलने वाली मदद से ग्रामीण भारत के कारीगरों का मनोबल बढ़ेगा.
विदित हो कि भारत में बुनकरों के पास परंपरागत शिल्प कला बहुतायत में उपलब्ध हैं, लेकिन बाजार संपर्क के अभाव में वे बाजार का दोहन करने में असमर्थ हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation