केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय धरोहर ऑनलाइन परियोजना का प्रारंभ किया. केंद्रीय संस्कृति मंत्री चन्द्रेश कुमारी कटोच की उपस्थिति में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) और गूगल के बीच इस आशय का समझौता नई दिल्ली में 3 अक्टूबर 2013 को किया गया. इस परियोजना के तहत भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) और गुगल कंपनी के साथ मिलकर अजन्ता और एलोरा की गुफाओं, खजुराहो और ताजमहल समेत भारत के 100 अति-महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहरों की 360 डिग्री की तस्वीरें ऑनलाइऩ उपलब्ध कराया जाना है.
इस परियोजना का उद्देश्य
इसका उद्देश्य देश की इन धरोहरों को बचाए रखने के प्रति लोगों खासकर युवाओं के बीच जागरूकता और रूचि पैदा करना है.
परियोजना से लाभ
इंटरनेट पर उपलब्ध कराई गई जानकारियों से आम लोगों को ऐतिहासिक इमारतों के साथ जोड़ा जा सकेगा. ऑनलाइन परियोजना से देश-विदेश में अरबों लोग भारत के विविधता भरे ऐतिहासिक धरोहरों को इंटरनेट के माध्यम से आसानी से देख सकेंगे.
भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India)
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (भा.पु.स.) राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासतों के पुरातत्वीय अनुसंधान तथा संरक्षण के लिए एक प्रमुख संगठन है. भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण का प्रमुख कार्य राष्ट्रीय महत्त्व के प्राचीन स्मारकों तथा पुरातत्वीय स्थालों और अवशेषों का रखरखाव करना है . इसके अतिरिक्त, प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार यह देश में सभी पुरातत्वीय गतिविधियों को विनियमित करता है. यह पुरावशेष तथा बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम, 1972 को भी विनियमित करता है.
विभाग ने देश में 3678 ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित इमारत घोषित कर रखा है. इनमें से 20 विश्व धरोहर की श्रेणी में हैं. हाल ही में यूनेस्को ने राजस्थान के 6 किलों को विश्व धरोहर की श्रेणी में डाला है.

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