नेशनल टीका एक्सप्रेस: नेशनल टीका एक्सप्रेस की शुरूआत बच्चों को खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए की गई.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने अलवर, राजस्थान में नेशनल टीका एक्सप्रेस की शुरूआत 1 अगस्त 2013 को की. नेशनल टीका एक्सप्रेस की शुरूआत बच्चों को खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए की गई.
टीकाकरण कार्यक्रम के तहत एएनएम भंडारण केंद्रो से टीका लेकर उन्हें टीकाकरण स्थलों जैसे उप-केंद्रों या आंगनवाडी केंद्रों तक पंहुचाती हैं. वर्ष 2005-06 से केंद्र सरकार एनआरएचएम के अंतर्गत वैकल्पिक टीका वितरण( एवीडी) के तहत अंतिम भंडारण केंद्र से टीकाकरण केंद्र तक वितरण के लिए सहायता प्रदान करती है. वर्ष 2012-13 में वैकल्पिक टीका वितरण कार्यक्रम के तहत राज्यों को 79.3 करोड़ रूपए की सहायता दी गई.
नेशनल टीका एक्सप्रेस का उद्देश्य
केंद्र सरकार ने दुर्गम क्षेत्रों में टीकाकरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन में कुछ कमियां महसूस की. कई मामलों में टीकाकरण से एक दिन पहले एएनएम को टीका एकत्र करना पडता था, जिससे शीतगृह के बाद इसके रखरखाव और इसके प्रभाव में कमी होने की संभावना बनी रहती थी. भंडारण में कमी के कारण टीकाकरण के बाद इसके प्रतिकूल परिणाम होने की आंशका भी बनी रहती थी. इन कारणों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने नेशनल टीका एक्सप्रेस के रूप में इस नवीन और महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरूआत की है.
नेशनल टीका एक्सप्रेस
• नेशनल टीका एक्सप्रेस के तहत विशेष वाहनों द्वारा टीकों के वितरण में सहायता करने के साथ-साथ अंतिम शीतगृह से टीकाकरण केंद्र तक इसे पंहुचाने में सहायता करने के साथ मोबाइल टीकाकरण केंद्रों में कार्यक्रम आयोजित करने में भी मदद की जानी है.
• टीकों की हानि रोकने और मंहगे टीकों के बेहतर प्रयोग के लिए टीका एक्सप्रेस में शीतगृह की सुविधा भी होनी है जिससे खुले और प्रयोग न किए गए टीकों का बाद में प्रयोग किया जा सके.
• टीका एक्सप्रेस द्वारा स्वास्थ्य सुविधा और स्वास्थ्य कर्मी रहित क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य केंद्र के रूप में काम किया जाना है.
• इसके साथ टीकाकरण कार्यक्रम के क्षेत्र और इसके प्रभाव से संबधित रिपोर्ट को एकत्र कर पीएससी में इसका संकलन और रिपोर्ट तैयार करने में मदद मिलना निर्धारित है.
• टीका एक्सप्रेस की शुरूआत दुर्गम क्षेत्रों और कम टीकाकरण वाले 69 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में की जानी है. इन जिलों के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से 1850 वाहनों खरीदे जाने हैं.
• कार्यक्रम के पहले चरण में 5 राज्यों के 6 जिलों में से राजस्थान-अलवर( 64 वाहन) उत्तरप्रदेश –श्रावस्ती-(11 वाहन), हरियाणा-मेवात-(9 वाहन), जम्मू और कश्मीर-डोडा( 8) और पूंछ और मध्यप्रदेश-तीकमगढ में 18 वाहन खरीदे जाने हैं.
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