अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित आकड़े अक्टूबर 2014 में जारी किये. इन आकड़ों के अनुसार, क्रय क्षमता समतुल्यता (पीपीपी, Purchasing Power Parity, PPP) के आधार पर चीन अमेरिका को पीछे छोड़कर विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया.
आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, पीपीपी के संदर्भ में चीन की अर्थव्यवस्था अक्टूबर 2014 में 17.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गयी जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का 16.48 प्रतिशत है.
दूसरी तरफ, पीपीपी के आधार पर अमेरिका की अर्थव्यवस्था 17.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर रही जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का 16.28 प्रतिशत है.
आईएमएफ के आकड़ों के अनुसार, क्रय क्षमता के आधार पर भारत विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसका मूल्यांकन 7277.279 बिलियन अमेरिकी डॉलर किया गया. वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 6.7 प्रतिशत है.
वर्ष 2005 में, चीन की अर्थव्यवस्था अमेरिका की तुलना में आधी थी. वर्तमान अनुमानों के अनुसार, चीन की अर्थव्यवस्था वर्ष 2019 तक अमेरिकी की तुलना में दोगुनी हो जाएगी.
अमेरिका की सरकार के विदेशी ऋण में चीन सबसे बड़ा हिस्सेदार है जो कि 1.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के अमेरिकी निधि बांड का धारक है.
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