अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा तापमान के मानव स्वभाव पर पड़ने वाले असर पर किये गये अध्ययन पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण निरंतर बढ़ रहे तापमान के कारण समूचे विश्व के लोगों की मनोवृत्ति उग्र होती जा रही है. यह रिपोर्ट ऑनलाइन जर्नल साइंस में 1 अगस्त 2013 को प्रकाशित हुई.
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया कि आक्रामक कार्यों, जैसे विभिन्न प्रकार के अपराध, युद्ध, आदि के होने की संभावना तापमान में प्रत्येक डिग्री बढोत्तरी के साथ बढ़ती जाती है.
वैज्ञानिकों ने अमेरिका के ऐतिहासिक साम्राज्यों के पतन, हाल के युद्धों, अपराधों के बढ़ने की दर और प्रयोगशाला में छद्म परिस्थितियों के 60 से अधिक अध्ययनों का परीक्षण किया. अपने अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने पाया कि शताब्दियों के बढ़ने के साथ तापमान गर्म तथा शुष्क होते गये जिनसे उन परिस्थितियों के व्यक्ति अधिक आक्रामक होते गये.
साथ ही, अध्ययन में संलग्न आर्थिक विशेषज्ञों के दल ने तापमान के बढ़ने के साथ विभिन्न प्रकार के अपराधों के होने की भविष्यवाणी का एक सूत्र भी विकसित किया. विशेषज्ञों ने अपने सूत्र से बताया कि तापमान के प्रत्येक डिग्री फॉरेनहाइट के बढ़ने के साथ अफ्रीका के भूमध्य रेखीय क्षेत्रों के विभिन्न समूहों में संघर्ष की संभावना 10 से 14 फीसदी तक बढ़ जाती है.
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