ग्रीनपीस इंडिया ने दिसंबर 2015 में देश के 17 शहरों के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचनांक (एनएक्यूआई) से पाए आँकड़ों का विश्लेषण जारी किया, जिससे स्पष्ट होता है कि दिल्ली के अलावा कई अन्य राज्य सरकारों को भी अपने शहरों में वायु प्रदूषण के रोकथाम पर तुरंत कदम उठाने होंगे. जहाँ पीएम 2.5 की सांद्रता से अधिक प्रदूषण मापा गया है. इसमें बताया गया है कि 32 स्टेशनों में से 23 स्टेशनों पर घोषित राष्ट्रीय मानकों से 70 फीसदी अधिक प्रदूषण पाया गया.
जिन 17 शहरों में प्रदूषण के आँकड़े उपलब्ध हैं उनमें दिल्ली, वाराणसी, पटना, लखनऊ, कानपूर, आगरा, अहमदाबाद, मुजफ्फरपुर और फरीदाबाद जैसे शहर शामिल है. इनमें से 15 शहरों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा खतरनाक बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2015 से नवबंर 2015 के बीच वायु प्रदूषण के जो आंकड़े एकत्रित किए गए वे मानक स्तर से 50 फीसदी अधिक है जिससे वायु प्रदूषण आपदा का संकेत मिलता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सर्वाधिक प्रदूषित 20 शहर निम्नवत हैं-
रैंक | शहर | कंट्री | पीएम2.5वार्षिक औषत(µg/m3) |
1 | दिल्ली | भारत | 153 |
2 | पटना | भारत | 149 |
3 | ग्वालियर | भारत | 144 |
4 | रायपुर | भारत | 134 |
5 | कराची | पकिस्तान | 117 |
6 | पकिस्तान | पकिस्तान | 111 |
7 | रावलपिंडी | पकिस्तान | 107 |
8 | खोरमाबाद | भारत | 102 |
9 | अहमदाबाद | भारत | 100 |
10 | लखनऊ | भारत | 96 |
11 | फिरोजाबाद | भारत | 96 |
12 | दोहा | कतर | 93 |
13 | कानपुर | भारत | 93 |
14 | अमृतसर | भारत | 92 |
15 | लुधियाना | भारत | 91 |
16 | इग्दिर | टर्की | 90 |
17 | नारायणगंज | बांग्लादेश | 89 |
18 | इलाहाबाद | भारत | 88 |
19 | आगरा | भारत | 88 |
20 | खन्ना | भारत | 88 |
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