चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में मक्के की एक नई संकर प्रजाति मक्का-1 विकसित की गई. संकर प्रजाति मक्का-1 को भारत के अन्य वैज्ञानिकों के सामने अखिल भारतीय समन्वय मक्का शोध परियोजना की चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में हुई कार्यशाला प्रदर्शित किया गया.
संकर प्रजाति मक्का-1 में 85 से 90 दिन में पकने की खूबी है, साथ ही यह 55 से 60 कुंतल प्रति हेक्टेयर की उपज देने में सक्षम है. संकर प्रजाति मक्का-1 को तोड़ने के बाद इसके तने एवं पत्तियां हरी बनी रहती हैं जिससे पशु के चारे में इसका उपयोग किया जा सकता है. इसके दाने में 10 से 12 फीसदी प्रोटीन मिलता है.
ज्ञातव्य हो कि संकर प्रजाति मक्का-1 विकसित करने से पूर्व चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में 1992 में आजाद उत्तम, 2002 में शरदमणि, 2005 आजाद कमल एवं 2007 में चंद्रमणि मक्का की संकुल प्रजातियां विकसित की जा चुकी हैं. परंतु मक्के की संकर प्रजाति प्रथम बार विकसित की गई.
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