सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन (SVEEP): छत्तीसगढ़ में मतदाताओं में जागरूकता पैदा करने के लिए निर्वाचन आयोग एक विशेष कार्यक्रम एसवीईईपी चला रहा है.
छत्तीसगढ़ में मतदाताओं में जागरूकता पैदा करने के लिए निर्वाचन आयोग एक विशेष कार्यक्रम सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन (SVEEP) चला रहा है. इस कार्यक्रम के तहत माओवाद प्रभावित इलाकों के लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. माओवाद प्रभावित बस्तर डिवीजन में लगभग 50 मतदान केंद्र बनाये गए हैं. राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं.
सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन (SVEEP) से संबंधित मुख्य तथ्य
• इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को चुनाव में मतदान करने हेतु जागरूक करना है.
• माओवाद से प्रभावित छत्तीसगढ़ में औद्योगिक नगरी भिलाई जैसे इलाके भी हैं, जहां माओवाद की समस्या नहीं है, लेकिन यहां पिछले चुनाव में करीब 20 प्रतिशत लोगों ने ही वोट डाले थे.
• चुनाव आयोग ने राज्य के ऐसे वर्गों और इलाकों को चिन्हांकित किया है, जहां पोलिंग प्रतिशत अच्छा नहीं रहता है और ऐसे इलाकों में लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है, इससे युवाओं को खासतौर से जोड़ा गया है.
• चुनाव आयोग का मुख्य लक्ष्य है कि 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके युवा न सिर्फ मतदाता सूची में नाम जुड़वाएं, बल्कि वोट डालने भी जाएं.
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