जम्मू और कश्मीर (जे एंड के) सरकार ने राज्य में ट्रांसजेंडर के कल्याण के लिए पैनल 2 सितंबर 2014 को गठित किया. इस पैनल की अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव करेंगे और समिति के संयोजक सामाजिक कल्याण विकास के सचिव होंगे.
समिति का गठन ट्रांसजेंडर के कल्याण के लिए नीतियां तैयार करने के लिए किया गया. इसका उद्देश्य ट्रांसजेंडर को सभ्य जीवन जीने और समाज में उन्हें मुख्यधारा में लाना है.
समिति के विचारार्थ
- समिति ट्रांसजेंडर के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का सुझाव देगी.
- यह ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए उत्पादक और लाभप्रद रोजगार एवं स्व रोजगार के समान अवसर मुहैया कराएगी.
- यह ट्रांसजेंडर समुदाय के मुद्दे पर संवेदनशील कानून और कानून प्रवर्तन प्रणाली के लिए सुझाव देगी और उन्हे कार्यवाई करने के लिए सशक्त बनाएगी.
- राज्य में नामित एजेंसियों और जिला प्रशासन के जरिए ट्रांसजेंडर पर सर्वेक्षण का फैसला करेगी.
- आम शिक्षा प्रणाली में ट्रांसजेंडर को शामिल करने और स्कूलों में बच्चों को जागरुक बनाने के लिए किशोर शिक्षा में उन पर पाठ्य सामग्री शामिल करने के लिए.
- प्रशिक्षण और लोगों के संवेदीकरण के अलावा अस्पतालों में ट्रांसजेंडर के पंजीकरण और दाखिले के लिए नीतियां बनाना.
- उनके लिए लिंग संक्रमण के उपयोग में सुधार संबंधित सेवाओं के लिए.
- यह समुदाय के उत्थान के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम की भी शुरुआत करेगा.
स्कूल और कॉलेज स्तर की शिक्षा जिसमें पेशेवर और व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी शामिल है, हासिल कर रहे ट्रांसजेंडर बच्चों के लिए वजीफा और छात्रवृत्ति के लिए नीति बनाना.
इससे पहले, 15 अप्रैल 2014 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक प्रमुख फैसले में ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता प्रदान की थी. सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रांसजेंडर के लिए 26 सिफारिशें दी थी जिसमें ट्रांसजेंडर पर राष्ट्रीय नीति के बनाने और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में ट्रांसजेंडर के खिलाफ होने वाले यौन उत्पीड़न और अपराधों से निपटने के लिए धारा बनाने संबंधी सिफारिश थी.
भारत के अन्य राज्यों ने 28 अगस्त 2014 को ट्रांसजेंडर्स पर नीति बनाई. महाराष्ट्र सरकार ने ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड बनाने का फैसला किया.
कर्नाटक सरकार ने ट्रांसजेंडर के लिए राज्य नीति शीर्षक से 20 जून 2014 को मसौदा जारी किया. यह नीति कल्याण कार्यक्रमों की शुरुआत के लिए समर्पित प्रकोष्ठ, सरकार से फंड हासिल करना, पहचान पत्र जारी करना और ट्रांसजेंडर्स के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने की बात करती है.
वर्ष 2008 में ट्रांसजेंडर के लिए कल्याण बोर्ड गठित करने वाला पहला राज्य तमिलनाडु बना था. तमिलनाडु ऐसा करने वाला न सिर्फ भारत का पहला राज्य था बल्कि विश्व में ऐसा कदम उठाने वाला पहला राज्य था. ट्रांसजेंडर की शिक्षा में सुधार के लिए तमिलनाडु सरकार ने मई 2008 में सरकारी कॉलेजों में तीसरे लिंग के लिए जगह बनाई थी.
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