जापान ने भारत को 2620 करोड़ रुपयों (50 बिलियन येन) का ओवरसीज डेवलपमेंट असिस्टेंस लोन देने का वादा किया है. इस बारे में अधिसूचना 16 जनवरी 2015 को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जारी की.
ऋण की राशि का प्रयोग संरचनात्मक परियोजनओं में किया जाएगा जो कि पब्लिक– प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में लागू होगा.
यह ऋण जापान इंटरनेशनल कॉमर्स एजेंसी इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनी (आईआईएफसी) को पब्लिक– प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में बनने वाले संरचनात्मक परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए देगी.
ओडीए ऋण देने का यह वादा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पांच दिवसीय जापान यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे द्वारा की गई प्रतिज्ञा का हिस्सा थी. मोदी ने अगस्त– सितंबर 2014 में जापान की यात्रा की थी.
भारत– जापान आर्थिक संबंध
केंद्र में नरेन्द्र मोदी नीत सरकार बनने के बाद से भारत और जापान के बीच आर्थिक संबंध नई ऊंचाई पर पहुंचा गया है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के मुताबिक, अक्टूबर 2014 में भारत में जापानी कंपनियों की संख्या 1209 हो गई जो कि इसी अवधि में 2013 के मुकाबले 13 फीसदी अधिक है.
इसके अलावा पिछले पांच वर्षों में, 2010– 2014 के दौरान, भारत में व्यापार करने वाली कई जापानी कंपनियों ने 13.67 फीसदी की दर से संयुक्त वार्षिक वृद्धि दिखाया है.
जून 2014 से सितंबर 2014 की अवधि में जापान से होने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2013 के इसी अवधि में हुए 273 मिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की तुलना में 618 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया. अक्टूबर 2014 में जापान से होने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 103.14 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.
जापान बैंक ऑफ इंटरनेशनल कोऑपरेशन (जेबीआईसी) द्वारा सार्वजनिक किए गए सर्वेक्षण के अनुसार जापान ने भारत को भविष्य के निवेशों के लिए शीर्ष गंतव्य के रूप में चुना है.
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