नेट न्यूट्रैलिटी : इंटरनेट पर सभी डेटा के साथ समान व्यवहार के सिद्धांत
नेट न्यूट्रैलिटी शब्द अप्रैल 2015 में खबरों में रहा. नेट न्यूट्रैलिटी सिद्धांत के अनुसार कोई भी सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी इंटरनेट के किसी भी कंटेट, डेटा और एप्लीकेशंस को बराबरी का दर्जा देगी. कोई भी वेबसाइट और पेज तब तक ब्लॉक नहीं किए जाए जब तक कि उस पर कोई गैर कानूनी तथ्य न हो. इसका अर्थ यह हुआ कि छोटी-बड़ी सभी वेबसाइट को इंटरनेट समान रूप से जगह देगी.
नेट न्यूट्रैलिटी शब्द का पहली बार इस्तेमाल कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मीडिया लॉ के प्रोफेसर टीम वू ने किया था.
यह शब्द खबरों में क्यों था?
14 अप्रैल 2015 तक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 27 मार्च 2015 को जारी नेट न्यूट्रैलिटी के परामर्श पत्र के जवाब में तीन लाख ईमेल प्राप्त किए.
टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने हाल ही में मुफ्त इंटरनेट प्लान 'एयरटेल जीरो' लॉन्च किया. जिसे लेकर विवाद हो गया. इस प्लान के जरिये ग्राहक कई एप्लिकेशन्स को बिना किसी डेटा चार्ज के ही इस्तेमाल कर सकेंगे. लेकिन ग्राहक केवल उसी वेबसाइट को ब्राउज या डाउनलोड कर सकेंगे जो एयरटेल के साथ रजिस्टर्ड होंगी.
एयरटेल के साथ 'एयरटेल जीरो' प्लान में रजिस्टर होने वाली फ्लिपकार्ट पहली बेवसाइट थी. इसके साथ ही यूजर्स फ्लिपकार्ट की रेटिंग कम करने लगे थे. फ्लिपकार्ट ने नेट न्यूट्रेलिटी का समर्थन करते हुए 14 अप्रैल 2015 को एयरटेल जीरो से हटने की घोषणा की.
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