डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी 23वें व्यास सम्मान से सम्मानित

May 30, 2014, 17:59 IST

डॉ.विश्वनाथ त्रिपाठी को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक समारोह में 29 मई 2014 को तेइसवें व्यास सम्मान से सम्मानित किया गया.

डॉ.विश्वनाथ त्रिपाठी को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक समारोह में 29 मई 2014 को 23वें व्यास सम्मान से सम्मानित किया गया. डॉ. त्रिपाठी को वर्ष 2013 के लिए उनकी रचना ‘व्योमकेश दरवेश’  हेतु यह सम्मान दिया गया. ‘व्योमकेश दरवेश’ आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की जीवनी पर आधारित एक साहित्यिक कृति है.

व्यास सम्मान के तहत में डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी को एक प्रशस्ति पत्र, एक स्मृति चिन्ह और 250000 नगद रुपये प्रदान किए गए.

व्यास सम्मान से संबंधित मुख्य तथ्य


व्यास सम्मान भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य-सम्मान है. इस सम्मान की शुरूआत वर्ष 1991 में के के बिड़ला फाउण्डेशन की ओर की गई थी. व्यास सम्मान के तहत हिन्दी की किसी एक गद्य या पद्य कृति को प्रत्येक वर्ष सम्मानित किया जाता है. इस सम्मान के तहत, चयनित वर्ष से दस वर्ष पहले की अवधि में प्रकाशित किसी भारतीय लेखक की हिन्दी कृति को शामिल किया जा सकता है. व्यास सम्मान के तहत चयनित कृति के लेखक को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और 250000 लाख रूपए नकद प्रदान किए जाते हैं. पहला व्यास सम्मान वर्ष 1991 में डॉ रामविलास शर्मा को उनकी आलोचनात्मक साहित्यिक कृति ‘भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी’ हेतु दिया गया था.

व्यास सम्मान से सम्मानित साहित्यकारों की सूची

• 2012: ‘न भूतो न भविष्यति’ (उपन्यास)- डा. नरेन्द्र कोहली

• 2011: “आम के पत्ते” (काव्य संग्रह)- राम दरश मिश्र
• 2010: "फिर भी कुछ रह जाएगा" (काव्य संग्रह)- विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
• 2009: “इन्हीं हथियारों से”- अमर कान्त
• 2008: “एक कहानी यह भी” - मन्नू भंडारी
• 2007: "समय सरगम" - कृष्णा सोबती
• 2006: "कविता का अर्थात" - परमानंद श्रीवास्तव
• 2005: "कथा सरित्सागर" (उपन्यास)- चंद्रकांता
• 2004: "कठगुलाब" (उपन्यास ) - मृदुला गर्ग
• 2003: "आवां" (उपन्यास)- चित्रा मुद्गल
• 2002: "पृथ्वी का कृष्णपक्ष"- कैलाश बाजपेजी
• 2001: "आलोचना का पक्ष" - रमेश चंद्र शाह
• 2000: "पहला गिरमिटिया" (उपन्यास) - गिरिराज किशोर
• 1999: "बिसरामपुर का संत"- श्रीलाल शुक्ल
• 1998: "पाँच आँगनों वाला घर" -गोविन्द मिश्र
• 1997: “अकाल में सारस”- केदारनाथ सिंह
• 1996: "हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास" - प्रो. राम स्वरूप चतुर्वेदी
• 1995: "कोई दूसरा नहीं"- कुँवर नारायण
• 1994: "अंधायुग धर्मवीर" - भारती
• 1993: "मै वक्त के सामने" -गिरिजा कुमार माथुर
• 1992: "नीला चाँद"- डॉ. शिव प्रसाद सिंह
• 1991: “भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी” - रामविलास शर्मा

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