मुल्लिवाईकल: श्रीलंका के उत्तर दिशा में स्थित एक गांव जहाँ एलटीटीई ने अंतिम युद्ध लड़ा
श्रीलंका के उत्तर दिशा में स्थित मुल्लिवाईकल गांव 19 मई 2015 को इसलिए चर्चा में था क्योंकि वहां के स्थानीय तमिल निवासियों ने लिबरेशन टाइगर ऑफ़ तमिल ईलम (एलटीटीई/लिट्टे) तथा श्रीलंका सैन्य बलों के साथ हुए युद्ध में मारे गए लोगों की याद में स्मरणोत्सव मनाया.
मुल्लिवाईकल गांव वह स्थान है जहां लिट्टे विद्रोहियों तथा सुरक्षा बलों के बीच 37 वर्ष तक चले संघर्ष का अंतिम युद्ध लड़ा गया. यह युद्ध 19 मई 2009 को समाप्त हुआ.
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार संघर्ष के दौरान इस जिले में लगभग 40,000 तमिल नागरिकों की मृत्यु हुई जिसमें मुल्लिवाईकल गांव भी शामिल है.
राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेना के नेतृत्व में बनी नयी सरकार द्वारा संघर्ष में मारे गए तमिल लोगों को याद करने पर लगी रोक हटा लिए जाने के बाद यह स्मरणोत्सव मनाया गया.
इस स्मरणोत्सव की अध्यक्षता उत्तरी प्रांत के तमिल मुख्यमंत्री सीवी विग्नेश्वरन ने मुल्लिवाईकल में अस्थाई रूप से बनाये गए स्मारक पर दीप प्रज्ज्वलित करके की. इसके बाद तमिल लोगों ने तेल के दीये जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की.
इसके अतिरिक्त श्रीलंका सरकार ने भी एलटीटीई की हार की 6 वीं वर्षगांठ के तौर पर मतारा में स्मरण दिवस समारोह आयोजित किया. वर्ष 2014 से 19 मई विजय दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है लेकिन राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेना ने इसे बदलकर स्मरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.
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