केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तलाक की स्थिति में महिला को पति के अचल आवासीय संपत्ति में निर्धारित हिस्सा तय करने संबंधी निर्णय लिया. प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में 17 मई 2012 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पति की अचल आवासीय संपत्ति में पत्नी को स्पष्ट रूप से निर्धारित हिस्सा देने के लिए राज्यसभा में लंबित विवाह कानून (संशोधन) विधेयक में नये संशोधनों को मंजूरी प्रदान की गई.
विवाह कानून (संशोधन) विधेयक के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपसी सहमति से तलाक के मामले में दोनों पक्षों को सुलह का मौका देने के लिए छह महीने की अनिवार्य अवधि की व्यवस्था को भी अपनी मंजूरी प्रदान की. निर्णय के तहत पति और पत्नी के अलग होने पर पति की अचल आवासीय संपत्ति में पत्नी और बच्चों को स्पष्ट रूप से निर्धारित हिस्सा दिया जाएगा. ज्ञातव्य हो कि विवाह कानून (संशोधन) विधेयक में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 में और संशोधन की मांग की गई है.
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