इंगलक शिनवात्रा थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनी गई. थाईलैंड में संसद के लिए आम चुनाव 3 जुलाई 2011 को कराया गया. चुनाव आयोग ने 4 जुलाई 2011 को चुनाव परिणाम घोषित किया. इस आम चुनाव में इंगलक शिनवात्रा के नेतृत्व वाली फू थाई पार्टी ने 500 सीटों वाली थाई संसद में 265 सीटें जीतीं. इन्होंने प्रधानमंत्री अभिसित वेज्जाजीवा की सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी को पराजित किया. डेमोक्रेटिक पार्टी को कुल 159 सीटें मिली. अभिसित वेज्जाजीवा ब्रिटिश मूल के हैं.
इंगलक शिनवात्रा देश के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा की छोटी बहन हैं. इंगलक को चार और पार्टियों का समर्थन प्राप्त है, जिससे उनके पक्ष में बहुमत 299 का हो गया. 44 वर्षीय इंगलक शिनवात्रा देश के उत्तरी शहर चियांग माइ से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद अमेरिका के केंटुकी स्टेट यूनिवर्सिटी से परास्नातक की डिग्री हासिल की. उसके बाद अपने भाई थाकसिन द्वारा स्थापित दूरसंचार कंपनी एआइएस में प्रबंध निदेशक के पद पर कार्य किया. इंगलक ने प्रधानमंत्री पद से पूर्व और कोई पद नहीं संभाला है. वह अपने परिवार की नौंवी संतान हैं.
विदित हो कि शिनवात्रा थाकसिन की सरकार को सितंबर 2006 में सैन्य विद्रोह के बाद अपदस्थ कर दिया गया था. सैन्य विद्रोह के बाद दिसंबर 2007 में पहली बार चुनाव हुए, जिसमें शिनवात्रा के समर्थकों की जीत हुई, लेकिन येलो शर्ट (पीपुल्स एलायंस फार डेमोक्रेसी) समर्थकों ने एक साल बाद विरोध शुरू कर दिया, जिसमें दिसंबर 2008 में शिनवात्रा के समर्थकों की सरकार गिर गई और अभिसित वेज्जाजीवा ने सरकार बनाई. मार्च 2010 से रेड शर्ट समर्थकों ने अभिसित वेज्जाजीवा की सरकार के विरुद्ध राजधानी बैंकाक में विरोध आंदोलन शुरू कर दिया. 12 मार्च से लेकर 19 मई 2010 तक इन प्रदर्शनकारियों ने बैंकाक में खूब तबाही मचाई. जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के कारण बैंकाक के हवाई अड्डों को बंद करना पड़ा. तब से चुनाव पूर्व तक (3 जुलाई 2011) येलो शर्ट (अभिसित वेज्जाजीवा की सरकार के समर्थक, पीपुल्स एलायंस फार डेमोक्रेसी) तथा रेड शर्ट (सरकार विरोधी अर्थात शिनवात्रा थाकसिन समर्थक) के मध्य संघर्ष होते रहे.
दुबई में स्व-निर्वसन जीवन जीने वाले पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा वर्ष 1994 से राजनीति में आए और वर्ष 1998 में थाई रक थाई (टीआरटी) पार्टी की स्थापना की. थाकसिन शिनवात्रा के नेतृत्व में थाई रक थाई पार्टी ने वर्ष 2001 में जीत हासिल की तथा थाकसिन शिनवात्रा देश के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया. वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बनें. बाद में थाईलैंड के सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थिति न होने और भ्रष्टाचार के आरोप में थाकसिन को दो साल की कैद की सजा सुनाई.साथ ही उनकी थाई रक थाई पार्टी पर प्रतिबंधित लगा दिया. इसके बाद उनके समर्थकों ने फू थाई पार्टी का गठन किया.
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