दवा निर्माता कंपनी सिप्ला ने मस्तिष्क, फेफड़े और गुर्दे के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कीमतों में 76 प्रतिशत तक की कमी की. सिप्ला ने गुर्दे के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा सोरानिब की कीमत 76 प्रतिशत तक घटाकर 1,710 रुपए प्रतिमाह पैकेज कर दी जो इससे पूर्व 6,990 रुपए थी.
सिप्ला कंपनी की मस्तिष्क के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा टेमोसाइड की 250 मिलीग्राम की टैबलेट 20,250 रुपए के बजाय 5,000 रुपए में उपलब्ध होगी, जबकि फेफड़े के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जेफ्टीसिप 250 मिलीग्राम की 30 गोली 10,200 रुपए के बजाय 4,250 रुपए में मिलेगी.
ज्ञातव्य हो कि केंद्र सरकार ने घरेलू दवा कंपनी नैटको फार्मा को कैंसर के इलाज में काम आने वाली दवा नेक्सावर का विनिर्माण करने और उसे मूल पेटेंटधारक बेयर कारपोरेशन के मुकाबले 30 गुना से कम कीमत में बेचने की अनुमति मार्च 2012 में दी थी. केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार नैटको को एक महीने के इलाज में आवश्यक 120 टैबलेट के पैक को 8,880 रुपए से कम में बेचने की अनुमति दी गई थी. जबकि मूल पेटेंटधारक बेयर द्वारा नेक्सावर दवा के लिए प्रति माह 2.80 लाख रुपए की कीमत ली जाती है.
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