वित्त वर्ष के तीसरे तिमाही में देश के बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में 3.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. इसके साथ ही देश के आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में सुधार दर्ज हुआ. सितंबर 2015 में इस कोर सेक्टर का उत्पादन 3.2 फीसद बढ़ा. यह इस क्षेत्र की चार महीने में सबसे तेज वृद्धि दर रही. इस सुधार की मुख्य वजह फर्टिलाइजर और बिजली क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन रहा.
वृद्धि दर्ज करने वाले प्रमुख उद्योगों में स्टील, कोयला, सीमेंट, बिजली, कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पाद, प्राकृतिक गैस और उर्वरक शामिल हैं. देश के औद्योगिक उत्पादन में इन बुनियादी उद्योगों की करीब 38 फीसद हिस्सेदारी है. माह दर माह आधार पर सितंबर के दौरान बिजली उत्पादन की वृद्धि दर 5.6 से 10.8 फीसद पर पहुंच गई. स्टील क्षेत्र का उत्पादन भी 2.5 फीसद हो गया. फर्टिलाइजर उत्पादन में 12.6 के मुकाबले 18.1 फीसदी इजाफा हुआ. सीमेंट उत्पादन में डेढ़ फीसद की गिरावट आई.
इस दौरान कोयले का उत्पादन 0.4 की जगह 1.9 फीसद बढ़ा. कच्चा तेल उत्पादन में वृद्धि दर 5.6 से घटकर 0.1 फीसद रह गई. प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 3.7 की जगह महज 0.9 फीसद वृद्धि हुई. इसी तरह रिफाइनरी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में भी 5.8 के मुकाबले केवल 0.5 फीसद वृद्धि हुई.
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