अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पहली बार सूर्य की सतह की स्टीरियो 3डी तस्वीर और वीडियो ली है. वर्ष 2006 में नासा ने दो स्टीरियो उपग्रहों (STEREO A and STEREO B sattelite) को इस खोज के संबंध में सूर्य की परिक्रमा हेतु भेजा था. इन दोनों उपग्रहों ने पहली बार सूर्य के दो विपरीत छोरों (180 डिग्री की विपरीत दिशा में स्थित) से एक साथ सूर्य की सतह की पूरी तस्वीर 6 फरवरी 2011 को ली. इन दोनों उपग्रहों को इसी स्थिति में रहकर कुछ और दिनों तक लगातार सूर्य की तस्वीरें और वीडियो भेजते रहना है.
नासा द्वारा सूर्य की 3डी तस्वीर से सूर्य के गोलाकार होने की बात सिद्ध होती है. साथ ही सूर्य की सतह गर्म प्लाज्मा और जटिल बुनावदार चुंबकीय क्षेत्र से बने होने की बात भी सिद्ध होती है.
स्टीरियो उपग्रह और सूर्य की 3डी तस्वीर
एक स्टीरियो उपग्रह सूर्य के अग्र भाग की तस्वीर लेता है, जबकि दूसरा पृष्ठ भाग की. दोनों उपग्रह इन तस्वीरों को पृथ्वी पर भेजता है, जिसे नासा के वैज्ञानिक आपस में जोड़कर सूर्य की गोलाकार 3डी तस्वीर बना रहे हैं. स्टीरियो उपग्रहों में लगे दूरबीन चरम पराबैंगनी विकिरण के चार तरंगदैर्ध्य पर आधारित हैं, जिससे सौर गतिविधियों का अध्ययन किया जा सके. सौर विकिरण, प्लाज्मा और सौर अग्नि वर्षा जो पहले एक गुत्थी थी, अब भविष्य में इन घटनाओं का आकलन करना संभव है. इस आकलन का उपयोग हवाई जहाज संचालन, ऊर्जा उत्पादक कंपनियों, अंतरिक्ष मौसम अध्ययन, उपग्रह प्रक्षेपण आदि में किया जा सकता है.
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