आर्थिक सुस्ती संबंधी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच (global rating agency Fitch) ने निवेशकों के लिहाज से भारत को बेहतर देश बताया. फिच ने वर्ष 2011-12 में भारत की आर्थिक वृद्धि 7.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया. साथ ही देश को स्थिर परिदृश्य के साथ दीर्घकालिक बीबीबी रेटिंग (Fitch affirmed long term BBB- rating for India) 21 जून 2011 को दी.
ज्ञातव्य हो कि बीबीबी रेटिंग दूसरे देशों के मुकाबले निवेशकों के लिए हल्के खतरे को इंगित करती है. हालांकि वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच (global rating agency Fitch) ने सावधान करते हुए बताया कि परिस्थतियों में परिवर्तन या आर्थिक परिदृश्य में बदलाव से समय सीमा के भीतर सरकार की कर्ज चुकाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
मई 2011 के अंत तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 313.5 अरब डॉलर था. इसके अलावा वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच (global rating agency Fitch) ने वर्ष 2010-11 में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.6 प्रतिशत रहने का अनुमान भी लगाया, जिससे आर्थिक विकास के मौजूदा चरण में कोई महत्वपूर्ण खतरा नहीं बताया गया. एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.
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