मेडिकल की एकीकृत प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ को वैधानिक दर्जा देने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए लोकसभा ने 19 जुलाई 2016 को इससे संबंधित विधेयक पारित कर दिया. इससे नीट के दायरे में निजी कालेज भी आएंगे.
उपरोक्त के तहत लोकसभा ने भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआइ) संशोधन विधेयक 2016 और दंत चिकित्सा संशोधन विधेयक 2016 को भी मंजूरी दी. ये विधेयक कानून का रूप लेने पर ‘नीट’ अध्यादेश का स्थान लेंगे.
लोकसभा में इन विधेयकों पर चली चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि इन विधेयकों के पारित होने से नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) को अब वैधानिक दर्जा मिल जाएगा.
मुख्य तथ्य:
• इससे निजी मेडिकल कालेज भी नीट के दायरे में आएंगे.
• नीट के तहत राज्यों का 85 प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा.
• नीट के तहत चयनित होने वाले छात्रों की सूची, उनके स्थायी निवास और रैंक के आधार पर राज्यों को प्रदान करा दी जाएगी जिसके आधार पर राज्य अपने यहां आरक्षण का फैसला कर सकेंगे.
• इसके तहत वर्ष 2016-17 के लिए कुछ राज्यों में मेडिकल के अंडरग्रेजुएट प्रवेश पुरानी प्रणाली से ही होंगे जबकि दिसंबर में आयोजित होने वाली पोस्ट ग्रेजुएशन परीक्षा नीट के माध्यम से होगी.
विदित हो कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में मेडिकल की एक प्रवेश परीक्षा यानी ‘नीट’ कराने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर यह अध्यादेश 24 मई 2016 को जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नीट दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है. पहले चरण की परीक्षा एक मई 2016 को हो चुकी है. दूसरे चरण की परीक्षा 24 जुलाई 2016 को होगी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation